5 बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी होंगे कांग्रेस संसदीय दल के नेता

नई दिल्ली। तमाम कयासों के पलट कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के सांसद अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल का नया नेता नियुक्त किया है। अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल के बेहरामपुर से लगातार पांचवी बार चुनाव जीतकर सांसद बने हैं।
अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धुर विरोधी माना जाता है। अधीर रंजन चौधरी दो बार विधायक भी रह चुके हैं, वे यूपीए सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
मंगलवार को जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में अगली कतार में उसी सीट पर बैठे नजर आए। 16वीं लोकसभा में इस सीट पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़के बैठा करते थे।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल को चिट्ठी लिखकर अधीर रंजन चौधरी के कांग्रेस संसदीय दल के नेता चुने जाने की जानकारी दी। लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के नाते अधीर रंजन चौधरी कई सरकारी कमेटियों और महत्वपूर्ण चयन समितियों में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा में कांग्रेस संसदीय पद के नेता का दायित्व सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि लोकसभा चुनावो में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी और वे आज भी अपनी जिद्द पर बने हुए हैं।
राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे अथवा नहीं, इस बारे में अभी तक राहुल गांधी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है लेकिन हाल ही में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थे, कांग्रेस अध्यक्ष हैं और वे ही कांग्रेस अध्यक्ष बने रहेंगे।
वहीँ दूसरी तरफ यह चर्चा भी जोरो पर है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को काम में सहयोग देने के लिए पार्टी कुछ कार्यकारी अध्यक्षों की न्युक्ति कर सकती है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि कांग्रेस में जल्द ही व्यापक स्तर पर संगठन में फेरबदल के साथ कम से कम दो कार्यकारो अध्यक्षों की न्युक्ति की जायेगी।