2G स्कैम: 2500 दिनों में भी सबूत नहीं जुटा पाई सीबीआई
नई दिल्ली। 2G घोटाले मामले में फैसला सुनाने वाले विशेष सीबीआई कोर्ट के जज ने अपने 1552 पेज के फैसले में साफ़ लिखा है कि “केस का आधार ही गॉशिप, अफवाह और अटकलों पर आधारित था।’
विशेष जज ओ पी सैनी ने कहा कि “2500 दिनों में भी इस मामले में एक भी गवाह टर्नअप नहीं हुआ। इसका मतलब साफ था कि सभी लोग अटकलों, अफवाहों और गॉशिप के पीछे भाग रहे थे, जबकि पब्लिक परसेप्शन का कानूनी प्रक्रियाओं में कोई महत्व नहीं होता है।”
उन्होंने कहा कि “पिछले लगभग सात साल, सभी वर्किंग डेज जिसमें गर्मी की छुट्टी भी शामिल है, मैं लगातार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ओपन कोर्ट में बैठकर इंतजार करता रहा ताकि कोई भी मामले से जुड़ा वैध सबूत लाकर दे लेकिन सब बेकार गया।”
जज ने अपने फैसले में उन दर्जन भर लोगों के बारे में भी लिखा है जिन्होंने लिखित आवेदन देकर मामले में अतिरिक्त आरोपियों को बुलाने और पूछने का दवाब बनाया था जिन्हें सीबीआई छोड़ चुकी थी लेकिन इनमें से एक भी आवेदन के पास लीगल मैटेरियल नहीं था। इनमें से कुछ ने जो मैटेरियल दिया था वो पहले से ही कोर्ट प्रोसिडिंग में मौजूद थे।
गौरतलब है कि मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के समय स्पेक्ट्रम आवंटन में 1.76 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने की बात तत्कालीन सीएजी विनोद राय ने उठाई थी। तब विपक्ष ने इसे घोटाला कहा था। इसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक सांसद कनीमोई के अलावा अन्य को भी आरोपी बनाया गया था। आरोपियों के खिलाफ सीबीआई के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामला दर्ज किया था।
आज विशेष सीबीआई कोर्ट ने अपने फैसले में 2G घोटाले मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने अपने एक लाइन के फैसले में साफ़ कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है।
कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस और डीएमके नेताओं ने बीजेपी पर निशाना साधा है। सिब्बल ने कहा कि ये लीगल विक्ट्री है। मैंने पहले ही कहा था कि ये जीरो लॉस है, और वही हुआ. प्रधानमंत्री के लेवल में इस तरीके के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाना चाहिए।
पूर्व कैग प्रमुख को निशाने पर लेते हुए सिब्बल ने कहा कि विनोद राय को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए. देश को गुमराह किया गया। यूपीए सरकार को गलत साबित किया. विनोद राय ने सब गलत किया है।
दूसरी ओर राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने यह मामला उठाया है। हालांकि राज्यसभा चेयरपर्सन वेंकैया नायडू ने कहा कि ये हाउस के बाहर का मामला है। इस पर बहस नहीं हो सकती। विपक्ष नेता मसले पर हंगामा करते हुए वेल में घुस गए।