2G स्कैम की कहानी बनाने वाले विनोद राय पर मोदी सरकार की मेहरबानी की वजह क्या है ?

2G स्कैम की कहानी बनाने वाले विनोद राय पर मोदी सरकार की मेहरबानी की वजह क्या है ?

नई दिल्ली। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 2G स्पेक्ट्रम घोटाले के आरोपों को खारिज करते हुए सभी आरोपियों को क्लीन चिट दिए जाने के बाद अब शक के घेरे में आये पूर्व कैग विनोद राय को लेकर सवाल उठना शुरू हो गए हैं।

सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आज अपने फैसले में साफ़ लिखा है कि “केस का आधार ही गॉशिप, अफवाह और अटकलों पर आधारित था।”, साथ ही विशेष अदालत के जज ने अपने 1552 पेज के फैसले में लिखा है कि “2500 दिनों में भी इस मामले में एक भी गवाह टर्नअप नहीं हुआ, गवाहों और सबूतों के लिए कोर्ट ने बिना छुट्टी किये लगभग सात सालो तक इंतज़ार किया।”

2G घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत के आज के फैसले के बाद एक बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर तत्कालीन महालेखा परीक्षक (कैग) ने किस आधार पर 2G स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर शंका ज़ाहिर की और यदि यह सिर्फ शंका थी तो इस पर मामला दर्ज करने से पहले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गहराई से जांच क्यों नहीं की।

सबसे बड़ा सवाल सीबीआई की भूमिका को लेकर है जो इस केस के शुरू होने के सात साल बाद भी न कोई ठोस गवाह पेश कर सकी और न ही कमीशन के वित्तीय लेनदेन का कोई सबूत अदालत में पेश कर पाई।

कौन हैं तत्कालीन महालेखा परीक्षक (कैग) :

2G स्पेक्ट्रम आवंटन को अपनी रिपोर्ट में घोटाला करार देने वाले विनोद राय जनवरी 7 जनवरी 2008 से लेकर 22 मई 2013 तक भारत के महालेखा परीक्षक (कैग) रहे हैं। इस दौरान यूपीए की सरकार थी।

विनोद राय ने यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान 2जी स्पेक्ट्रम के साथ ही कोयला घोटाले के मामला अपनी रिपोर्ट में लाकर यूपीए सरकार की किरकिरी करा दी थी। घोटाले के लगे दागो का खामियाजा कांग्रेस को 2014 के लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ा था। मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार में जोर शोर से यूपीए सरकार के दो प्रमुख घोटालो 2G स्पेक्ट्रम और कोल ब्लॉक आवंटन को मुद्दा बनाया था।

वर्ष 2014 के आम चुनावो में कांग्रेस को करारी शिकस्त देने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार का गठन हुआ। वहीँ अब सवाल उठ रहे हैं कि सीएजी से रिटायर होने के बाद विनोद राय को बीसीसीआई का अंतरिम अध्यक्ष क्यों बनाया गया ? इतना ही नहीं मोदी सरकार में फरवरी 2016 में विनोद राय को बैंक बोर्ड ब्यूरो का चेयरमैन भी बनाया गया तथा मार्च 2016 में पद्म भूषण अवॉर्ड से भी नवाजा गया है।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तत्कालीन कैग विनोद राय पर आरोप लगाते हुए कहा है कि “मैंने पहले ही कहा था कि ये जीरो लॉस है, और वही हुआ. कैग को प्रधानमंत्री के लेवल में इस तरीके के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाना चाहिए।”

सिब्बल ने कहा कि “विनोद राय को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए. देश को गुमराह किया गया। यूपीए सरकार को गलत साबित किया। विनोद राय ने सब गलत किया है।”

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TeamDigital