27 अगस्त को चुनाव आयोग ने बुलाई राजनैतिक दलों की बैठक, उठ सकता है ईवीएम का मुद्दा
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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने 27 अगस्त को सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में वर्तमान चुनाव प्रणाली से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की जायेगी।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस बैठक में केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्यों के चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त सभी दलों को आमत्रित किया गया है। इस बैठक में भाग लेने वाले राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि वर्तमान चुनाव प्रणाली पर अपने विचारो से चुनाव आयोग को अवगत करा सकते हैं।
ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गयी इस बैठक में ईवीएम का मुद्दा भी प्रमुखता से उठ सकता है। देश के मुख्य विपक्षी दलों ने ईवीएम की जगह वैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग करते रहे हैं।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बसपा, राष्ट्रीय लोकदल, राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस के अलावा क्षेत्रीय पार्टियां भी ईवीएम की जगह वैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग चुनाव आयोग के समक्ष रख सकती हैं।
याद दिला दें कि 2014 के आम चुनावो के बाद ही विपक्ष ने ईवीएम को लेकर शंका ज़ाहिर की थी लेकिन 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावो के बाद सबसे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने ईवीएम की जगह वैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग उठाई थी।
इस संदर्भ में बसपा की तरफ से सुप्रीमकोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया गया था। बसपा की मांग का समर्थन करते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ईवीएम की जगह वैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग की थी।
The Election Commission of India has called a meeting of all National & State recognized Political Parties to discuss issues related to Electoral Process on August 27 in Delhi. pic.twitter.com/rAZ688NXyr
— ANI (@ANI) August 24, 2018
इसके बाद विपक्ष ने कई मौको पर संयुक्त रूप से ईवीएम के प्रति अपनी शंका ज़ाहिर करते हुए वैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग करता रहा है। आम आदमी पार्टी ने तो ईवीएम टेम्परिंग को लेकर दिल्ली विधानसभा में पूरा प्रजेंटेशन दिया था।
ईवीएम को लेकर पैदा हुई शंका को दूर करने के लिए चुनाव आयोग ने सभी दलों के लिए ईवीएम हैकिंग का एक चेलेंज भी रखा था लेकिन इसमें कम्युनिस्ट तथा कुछ अन्य दलों के अलावा किसी अन्य बड़ी पार्टी ने भाग नहीं लिया था।
फिलहाल देखना है कि चुनाव आयोग द्वारा बुलाई जा रही 27 अगस्त की बैठक में विपक्ष का क्या रुख रहता है। वह ईवीएम की जगह वैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की अपनी पुरानी मांग को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष क्या प्रस्ताव रखता है।