2019 से पहले गैर बीजेपी दलों को एकजुट करने के लिए 7 दलों का संविधान बचाओ मार्च
मुंबई। आगामी आम चुनावो से पहले विपक्ष को एकजुट करने के उद्देश्य से सात गैर बीजेपी दलों ने संविधान बचाओ मार्च की तैयारियों को लेकर एक बैठक का आयोजन किया।
इस बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे,जेडीयू के बागी नेता शरद यादव, राजद सांसद राम जेठमलानी, सीपीआई के डी राजा, गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, नेशनल कॉन्फ्रेन्स के नेता उमर अब्दुल्ला, और ममता बनर्जी की टीएमसी के नेता दिनेश त्रिवेदी शामिल हुए।
संविधान बचाओ मार्च के संयोजक निर्दलीय सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि इस आयोजन में किसी भी नेता का भाषण नहीं होगा। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण और मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम भी इस मार्च में शामिल होंगे।
वहीँ माना जा रहा है कि मुंबई में संविधान बचाओ मार्च के आयोजन के बाद इस तरह के आयोजन देशभर में किये जाएंगे और यह सिलसिला 2019 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा। सूत्रों के मुताबिक सात प्रमुख राजनैतिक दलों को एक मंच पर लाकर 2019 के लिए विपक्ष का महागठबंधन बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत है।
सूत्रों ने कहा कि आज बैठक में शामिल सभी राजनैतिक दलों की इस बात को लेकर आम सहमति थी कि 2019 में बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए विपक्ष को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए।
हालाँकि यह चर्चा नहीं हुई कि सीटों का बंटवारा किस तरह होगा और महागठबंधन को अगुवाई कौन करेगा। लेकिन फिलहाल यह साफ़ दिखाई दे रहा है कि अगले चुनाव से पहले विपक्ष के प्रमुख दल एक मंच पर आने को तैयार हैं।
सूत्रों की माने तो महागठबंधन की अगुवाई के लिए जदयू के बागी सांसद शरद यादव के नाम पर सभी दल सहमत बताये जाते हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान शरद यादव ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के साथ विपक्षी दलों को एकजुट करने में अहम योगदान दिया था।
इतना ही नहीं बिहार में नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी का दमन थामने के बाद शरद यादव ने खुले तौर पर उनका विरोध किया। यहाँ तक कि शरद यादव को अपनी राज्य सभा की सदस्यता भी गंवानी पड़ी।