2019 लोकसभा चुनाव: महाराष्ट्र और गुजरात के आंतरिक सर्वे में बीजेपी को बड़ा नुकसान

2019 लोकसभा चुनाव: महाराष्ट्र और गुजरात के आंतरिक सर्वे में बीजेपी को बड़ा नुकसान

नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनावो को लेकर बीजेपी द्वारा गुजरात और महाराष्ट्र को लेकर कराये गए आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट से बीजेपी में खलबली मच गयी है। पार्टी सूत्रों की माने तो दोनों राज्यों में बीजेपी 2014 में मिली सीटों के आंकड़ों से बहुत दूर है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक यदि महाराष्ट्र में बीजेपी शिवसेना का साथ छूटा तो पार्टी को बड़ा नुकसान होगा। वहीँ 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात की सभी 26 सीटें जीतने वाली बीजेपी के लिए 2019 में राह आसान नही है।

वर्ष 2014 में बीजेपी ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और उसे 40 सीटें मिली थीं। इसमें बीजेपी को 23 और शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं। वहीँ कांग्रेस को 02 और एनसीपी को 04 सीटें मिली थीं।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी के ताजा आंतरिक सर्वे में कहा गया है कि यदि 2019 में बीजेपी और शिवसेना फिर से मिलकर चुनाव लड़ते हैं तब भी 2014 में मिली सीटों के आंकड़े तक नहीं पहुँच सकते।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि यदि 2019 में किसी कारणवश बीजेपी शिवसेना अलग अलग चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी को बड़ा नुकसान होने की संभावना है और पार्टी दस से बारह सीटें ही जीत सकती है। वहीँ यदि बीजेपी शिवसेना मिलकर चुनाव लड़ते हैं तब भी पार्टी को 15 से 17 सीटें ही मिलने की उम्मीद है जिससे 2014 के चुनावो की तुलना में उसे कम से कम 7 से 9 सीटों का नुकसान होने की संभावना है।

वहीँ दूसरी तरफ आंतरिक सर्वे रिपोर्ट में गुजरात को लेकर भी ऐसी ही संभावनाएं व्यक्त की गयी हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में गुजरात में भी पार्टी को बड़े घाटे का सामना करना पड़ सकता है और उसे मिली सीटों की संख्या 12 से 15 सीटों के बीच सिमट सकती है। यानि 2019 के लोकसभा चुनाव में गुजरात में बीजेपी को कम से कम 10 से 13 सीटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है।

पार्टी सूत्रों की माने तो बीजेपी ने महाराष्ट्र में शिवसेना से बेहतर सम्बन्ध बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सूत्रों की माने तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना के साथ हर हाल में गठबंधन के पक्षधर हैं।

आंतरिक सर्वे में कहा गया है कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में किसानो से जुड़े मुद्दे बीजेपी के लिए परेशानी पैदा करेंगे। वही गुजरात में मध्य प्रदेश की तरह राज्य सरकार से जनता की नाराज़गी और राज्य सरकार विरोधी लहर बीजेपी को बड़ी चोट दे सकते हैं।

सूत्रों ने कहा कि यह आंतरिक सर्वे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावो के ठीक पहले कराया गया था। संभव है कि इस सर्वे में लोगों की राय पर पड़ौसी राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ चली हवा का भी प्रभाव रहा हो।

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TeamDigital