2014 से 2016 के बीच 70 हज़ार लड़कियों सहित एक लाख अधिक बच्चे लापता

2014 से 2016 के बीच 70 हज़ार लड़कियों सहित एक लाख अधिक बच्चे लापता

नई दिल्ली। वर्ष 2014 से 2016 के बीच देश में एक लाख से भी अधिक बच्चे लापता हुए हैं इनमे 70 हजार लड़कियां भी शामिल हैं। इस बात का खुलासा राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के रिकॉर्ड से हुआ है।

राजस्थान के चूरू से बीजेपी सांसद राहुल कस्वां ने संसद में लापता हो रहे बच्चो को लेकर सवाल उठाया था। इसके जबाव में 26 जुलाई को महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हवाले से 2014-2016 के दौरान गुम हुए बच्चों के आंकड़ों की जानकारी संसद को दी।

स्मृति ईरानी द्वारा संसद में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक देश में वर्ष 2014 से 2016 के बीच कुल 1 लाख 11 हजार 569 बच्चे लापता हैं। जिसमें 70 हजार 394 लड़कियां और 41175 लड़के हैं।

उन्होंने बताया कि इससे आगे के आंकड़े अभी एनसीआरबी के पास नहीं हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2014 के दौरान 69023 बच्चे खोए, जिसमें सर्वाधिक 41683 लड़कियां और 27340 लड़के शामिल हैं।

इसी तरह 2015 में कुल 60443 बच्चे गायब हुए, जिसमें 36595 लड़कियां और 23848 लड़के शामिल हैं। वर्ष 2016 में कुल 63407 बच्चे गायब हुए, जिसमें 41 हजार 67 लड़कियां और 22340 लड़के शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक बच्चे लापता होने के मामले में पश्चिम बंगाल पहले स्थान पर है। पश्चिम बंगाल से सर्वाधिक 16881 बच्चे लापता हैं, वहीं 12068 के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है और 5896 बच्चों के साथ बिहार तीसरे स्थान पर है।

स्मृति ईरानी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को किशोर न्याय अधिनियम 2015 (जेजे एक्ट) की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जेजे अधिनियम के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर भी है।

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TeamDigital