स्वच्छ भारत अभियान: गंभीरता, जागरूकता और द्रण निश्चय की आवश्यकता

स्वच्छ भारत अभियान: गंभीरता, जागरूकता और द्रण निश्चय की आवश्यकता

ब्यूरो (अमीना खान)। देश को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से शुरू किये गए स्वच्छ भारत अभियान को सिर्फ एक कार्यक्रम की दृष्टि से देखा जाए तो तस्वीर धुंधली दिखाई देती है। स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि इसके अंदर समायोजित किये गए सभी पहलुओं पर नज़र डालने से पता चलता है कि यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसकी देश को कई दशकों से आवश्यकता थी।

भारत को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान शहरो, गाँवों और देश के कौने कौने तक शुरू किया गया है। स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से यह निर्धारित कर दिया गया है कि देश में स्वच्छ बनाना केवल सरकार का कर्तव्य नहीं है बल्कि राष्ट्र को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी इस देश के सभी नागरिकों की है ।

2 अक्दूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस अभियान की शुरुआत की गयी थी। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2 अक्दूबर 2019 तक हर परिवार को शौचालय सहित स्वच्छता-सुविधा उपलब्ध कराना है, ठोस और द्रव अपशिष्ट निपटान व्यवस्था, गाँव में सफाई और सुरक्षित तथा पर्याप्त मात्रा में पीने के पानी की उपलब्धि सुनिश्चित करना है ।

स्वच्छ भारत अभियान को जन जन तक पहुंचाने के लिए व्यापार, खेल और फिल्म उद्योग से जुड़े नौ प्रसिद्ध व्यक्तियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामित किया है । इन हस्तियों में फिल्म अभिनेता अनुपम खेर, अक्षय कुमार, अजय देवगन,नागार्जुन, अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा,आलिया भट्ट, नेहा धूपिया, तमन्ना भाटिया, फिल्म निर्माता सुभाष घई, भारतीय शूटर गगन नारंग, भारतीय बॉक्सर विजेंदर सिंह,मैरी कोम, सांसद मनोज तिवारी,हेमा मालिनी इत्यादि शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अभियान की शुरुआत के लिए 9 हस्तियों को नामित करते हुए कहा था कि इस मुहिम को चुनौती की तरह लेना चाहिये तथा व्यक्तिगत (पेड़ की शाखाओं की तरह) तौर पर दूसरे नौ लोगों को आमंत्रित करना चाहिये जिससे स्वच्छता का ये दृष्टीकोण 2019 तक पूरा हो जाए और इतिहास में हमेशा के लिये भारत एक स्वच्छ देश बने।

स्वच्छ भारत अभियान के मुख्य उद्देश्य:

  • भारत में खुले में मलत्याग की व्यवस्था का जड़ से उन्मूलन।
  • जन-जागरुकता पैदा करने के लिये सार्वजनिक स्वास्थय और साफ-सफाई के कार्यक्रम से लोगों को जोड़ना।
  • साफ-सफाई से संबंधित सभी व्यवस्था को नियंत्रित, डिज़ाइन और संचालन करने के लिये शहरी स्थानीय निकाय को मजबूत बनाना।
  • पूरी तरह से वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से निपटानों का दुबारा प्रयोग और म्यूनिसिपल ठोस अपशिष्ट का पुनर्चक्रण।
  • अस्वास्थ्यकर शौचालयों को बहाने वाले शौचालयों में बदलना।
  • हाथों से मल की सफाई करने की व्यवस्था को हटाना।
  • लोगों के व्यवहार में बदलाव कर अच्छे स्वास्थ्य के विषय में जागरुक करना।
  • सभी संचालनों के लिये पूँजीगत व्यय में निजी क्षेत्रकों को भाग लेने के लिये जरुरी वातावरण और स्वच्छता अभियान से संबंधित खर्च उपलब्ध कराना।

नया नहीं हैं स्वच्छ भारत अभियान:

भारत में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए पहले भी स्वच्छता के दूसरे कार्यक्रम चलाये जाते रहे हैं। इसी तरह ग्रामीण इलाको में स्वछता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केन्द्रीय ग्रामीण स्वच्छता कायर्क्रम (सीआरएसपी) का प्रारंभ 1986 में पूरे देश में हुआ था।

इस कार्यक्रम के तहत गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिये स्वास्थयप्रद शौचालय बनाने पर केन्द्रित था। इतना ही नहीं इस कार्यक्रम के माध्यम से सूखे शौचालयों को अल्प लागत से तैयार स्वास्थयप्रद शौचालयों में बदलना, खासतौर से ग्रामीण महिलाओं के लिये शौचालयों का निर्माण करना तथा दूसरी सुविधाएँ जैसे हैंड पम्प, नहान-गृह, स्वास्थ्यप्रद, हाथों की सफाई आदि का लक्ष्य तय किया गया था।

केन्द्रीय ग्रामीण स्वच्छता कायर्क्रम के अंतर्गत गाँव की उचित सफाई व्यवस्था जैसे जल निकासी व्यवस्था, सोखने वाला गड्ढा, ठोस और द्रव अपशिष्ट का निपटान, स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरुकता, सामाजिक, व्यक्तिगत, घरेलू और पर्यावरणीय साफ-सफाई व्यवस्था आदि को विशेषतौर पर शामिल किया गया था।

स्वछता को लेकर सरकार कोई भी कार्यक्रम लागू करें लेकिन वह तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक उसके लिए जनता में जागरूकता न हो। देश को साफ़ सुथरा रखना सिर्फ सरकारों का काम नहीं बल्कि आम आदमी को भी अपनी ज़िम्मेदारी तय करनी होगी।

यदि प्रत्येक देशवासी अपने घर और आसपास के इलाके को साफ़ रखने की ज़िम्मेदारी निभाता है तो देश को स्वच्छ बनाने में अधिक समय नहीं लगेगा। स्वच्छ भारत अभियान को कामयाब बनाने के लिए आज आवश्यक है कि हम अपनी अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वाह करें।

यहाँ यह कहना नितांत आवश्यक है कि देश को स्वच्छ बनाने के लिए हर देशवासी के दिल में स्वच्छता को लेकर गंभीरता, जागरूकता और द्रण निश्चय की आवश्यकता है। बिना दृण निश्चय, जागरूकता और स्वच्छता के प्रति गंभीरता के कोई भी कार्यक्रम सफल नहीं हो सकता।

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