सीबीआई विवाद: राकेश अस्थाना, आलोक वर्मा को भेजा गया छुट्टी, नागेश्वर को कमान
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के अंदर शुरू हुई उठापटक के बाद हरकत में आयी केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए सीबीआई के नंबर एक आलोक वर्मा और नंबर दो राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है।
अब 1986 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। वे आज से कामकाज देखेंगे। नागेश्वर राव अभी सीबीआई में संयुक्त निदेशक के तौर पर काम कर रहे थे।
राव 1986 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और वो तेलंगाना के वारंगल जिले के रहने वाले हैं। केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा की जगह नागेश्वर राव की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से कर दी है।
इस बीच CBI प्रवक्ता ने कहा कि सीबीआई मुख्यालय में कोई कमरा सील नहीं किया गया है। सीबीआई के नंबर एक और नंबर दो, दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद कहा जा रहा था कि सीबीआई मुख्यालय की सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई है।
बुधवार सुबह ही सीबीआई ने अपने दफ्तर के 10वें और 11वें फ्लोर को सील कर दिया है। जिसमें अब सीबीआई के प्रवक्ता ने मुख्यालय का कमरा सील होने की खबरों से इनकार कर दिया है।
एक सरकारी आदेश में कहा गया कि प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली नियुक्ति समिति ने मंगलवार की रात संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को तत्काल प्रभाव से सीबीआई निदेशक के पद का प्रभार दिया।
इस आदेश का मतलब यह है कि सरकार ने सीबीआई के पदानुक्रम में संयुक्त निदेशक से वरिष्ठ स्तर यानी अतिरिक्त निदेशक रैंक के तीन अधिकारियों को दरकिनार कर नागेश्वर राव को एजेंसी के निदेशक का प्रभार दिया। जिन तीन अतिरिक्त निदेशकों को दरकिनार किया गया है उनमें एके शर्मा भी शामिल हैं। अस्थाना की ओर से की गई शिकायत में शर्मा का नाम सामने आया था।
नागेश्वर राव के चार्ज लेते ही सीबीआई में धड़ाधड़ अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग हुए। राकेश अस्थाना मामले की जांच कर रहे सीबीआई के डीएसपी एके बस्सी का तबादला पोर्ट ब्लेयर कर दिया गया है जबकि एडिशनल एसपी सीबीआई एसएस गुम का ट्रांसफर जबलपुर किया गया है।
इसके अलावा सीबीआइ के डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा, डीआईजी तरूण गौबा, डीआईजी जसबीर सिंह, डीआईजी अनीश प्रसाद, डीआईजी केआर चौरसिया, HoB राम गोपाल और एसपी सतीष डागर का भी तबादला किया गया है। इस केस की जांच कर रही टीम के सदस्यों JD (P) अरुण कुमार शर्मा, ए. साई मनोहर, HoZ वी. मुरुगेसन तथा DIG अमित कुमार का ट्रांसफर कर दिया गया है। ये सभी अधिकारी राकेश अस्थाना घूसखोरी मामले की जांच कर रहे थे।
CVC की निगरानी में SIT करेगी अफसरों पर लगे आरोपों की जांच:
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को बेकार बताते हुए कहा कि एसआईटी इस मामले की जांच करेगी और सच क्या है सामने लाएगी। जेटली ने कहा कि ये केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और न ही सरकार इसकी जांच करेगी।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सीबीआई एक प्रीमियर जांच एजेंसी है, जिसकी साख को बचाना आवश्यक है। संस्थान की अखंडता बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एजेंसी के अंदर विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है। सेंट्रल विजिलेंस कमिशन (सीवीसी) के पास सीबीआई से संबंधित भ्रष्टाचार की जांच का अधिकार है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीबीआई की एक संस्थान के तौर पर साख बचाए रखने के लिए दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा गया। मामले की निष्पक्ष जांच के लिए दोनों को जांच से अलग करना जरूरी था। आगे जेटली ने कहा कि सीबीआई में विवाद एक असाधारण स्थिति है, इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है।
कानून के मुताबिक जबतक जांच पूरी न हो इसलिए अधिकारियों को बाहर कर दिया गया है। यदि जांच में उनकी भूमिका पर सवाल नहीं उठता तो वह वापस अपने कार्यभार को लेंगे। लेकिन निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी था कि जांच की अवधि तक अधिकारियों को सीबीआई से बाहर रखा जाए।