सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

नई दिल्ली। सीबीआई में पैदा हुई रार के बाद सरकार द्वारा सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी भेज दिया गया जिससे नाराज़ आलोक वर्मा ने सुप्रीमकोर्ट का रुख किया है। उन्होंने सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजे जाने को चुनौती दी है।

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को जांच एजेंसी का अंतरिम प्रमुख नियुक्त किए जाने के फैसले को भी चुनौती दी है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने वर्मा की इस दलील पर विचार किया कि केंद्र की ओर से उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले के खिलाफ दायर अर्जी पर तुरंत सुनवाई किए जाने की जरूरत है।

कील प्रशांत भूषण ने भी कहा है कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे का मामला जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा। भूषण के मुताबिक सीबीआई निदेशक की नियुक्ति दो साल के लिए संरक्षित होती है, जिसे प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष दल के नेता की कोलेजियम मिल कर करती है। आलोक वर्मा के नाम का चयन प्रधानमंत्री मोदी, पूर्व चीफ जस्टिस जेएस केहर और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की कोलेजियम ने किया था।

राफेल से घबराई मोदी-शाह की जोड़ी:

सीबीआई में चल रही उठापटक को लेकर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राफेल के फोबिया से बचने के लिए मोदी सरकार ने सीबीआई डायरेक्टर को हटाया है।

उन्होंने कहा कि राफेल घोटाले की पोल खुलने से डरे हुए बीजेपी नेताओं ने गुजरात मॉडल केंद्र में थोप दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार सीबीआई डायरेक्टर को हटाना असंवैधानिक है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि CVC के पास CBI डायरेक्टर को नियुक्ति या हटाने का कोई अधिकार नहीं है। CVC के पास नया पावर कैसे आ गया? CVC केवल सुपरवाइजरी बॉडी है। CVC गुमराह कर रहा है. इस संस्थान का भी दुरुपयोग किया जा रहा है।

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TeamDigital