सर्वे: कर्नाटक में 70 फीसदी मतदाता चाहते हैं फिर से कांग्रेस सरकार

सर्वे: कर्नाटक में 70 फीसदी मतदाता चाहते हैं फिर से कांग्रेस सरकार

बेंगलुरु। कर्नाटक में होने जा रहे विधान सभा चुनावो में कांग्रेस धीमे धीमे अपना दबाव बना रही है। हाल ही में एक सर्वे में खुलासा हुआ कि कर्नाटक के 70 फीसदी लोग राज्य में कांग्रेस की सरकार चाहते हैं।

सर्वे में मतदाताओं ने सिद्धारमैया सरकार को 10 में से 7 अंक दिए हैं। कर्नाटक के मतदाताओं ने स्कूल, बिजली और पानी की आपूर्ति के मुद्दे पर मौजूदा सरकार को ‘थम्स-अप’ किया है।

असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और दक्ष (DAKSH) नामक संस्थाओं ने 225 विधानसभा क्षेत्रों में 13,244 लोगों के बीच किये गए सर्वे में कांग्रेस के नेतृत्व में सिद्धारमैया सरकार को मतदाताओं ने 10 में से 7.09 के पैमाने पर आंका है।

दिसंबर 2017 से लेकर फरवरी 2018 के बीच किए गए इस सर्वे में फोकस इस बात पर लिखा गया था कि लोग आगामी चुनावों के मद्देनजर किन मुद्दों को सबसे महत्वपूर्ण मानकर चल रहे हैं। कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्य सरकार की परफॉर्मेंस को रेट करने के लिए भी कहा गया।

ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं ने सरकार को स्कूलों संबंधी मसलों पर 7.58 रेट किया, बिजली आपूर्ति के मामले में 7.56, फूड डिस्ट्रीब्यूशन सब्सिडी के लिए 7.56 रेट किया। लेकिन, रोजगार मुहैया करवाने के अवसरों, करप्शन मिटाने, नौकरियों से जुड़ी ट्रेनिंग जैसे मुद्दों पर मतदाताओं ने क्रमश: 6.70, 6.67, 6.60 रेट किया। हालांकि कुल मिलाकर ग्रामीण मतदाता ने सरकार को 10 में से 7.05 नंबर दिए।

शहरी मतदाताओं ने सरकार को स्कूलों संबंधी मसलों पर 7.85 रेट किया, बिजली आपूर्ति के मामले में 7.83, पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर 7.61 रेट किया। मतदाताओं ने कहा कि सरकार जनसुविधाओं और फुटपॉथ बनाने जैसे मामलों में पिछड़ी है। इस मुद्दे पर शहरी मतदाता ने सरकार को 6.79 रेट किया जबकि करप्शन मिटाने को लेकर 6.77, नौकरियों से जुड़ी ट्रेनिंग को लेकर 6.40 रेट किया।

सर्वे में मतदाताओं की मिली राय के अनुसार 67 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि उम्मीदवार किस पार्टी से है, यह अधिक महत्वपूर्ण है। 86 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि पार्टी नहीं, उम्मीदवार अधिक महत्वपूर्ण है। 42 फीसदी ने कहा कि सीएम कौन होगा, इस पर भी उनका मत निर्भर करेगा।

वहीँ 37 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि कैंडिडेट का धर्म क्या है, यह महत्वपूर्ण है जबकि 36 फीसदी ने कहा कि कैंडिडेट की जाति क्या है, यह उनके मत को प्रभावित करेगा।

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TeamDigital