संसद में लगातार घट रही बीजेपी सांसदों की संख्या, अब लद्दाख से सांसद ने दिया इस्तीफा
नई दिल्ली। 2014 में बड़े बहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनाने वाली बीजेपी के सांसदों की संख्या लगातार कम हो रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से अभी तक 30 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं।
उपचुनावों में लगातार सीटें गँवा रही बीजेपी की संख्या संसद में 282 से घटकर 278 तक पहुँच गयी। वहीँ अब लद्दाख से बीजेपी सांसद थुपस्तान छवांग ने सदन और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने गुरुवार को कहा कि आध्यात्मिक जीवन गुजारने के लिए और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह से छवांग (71) ने इस्तीफा दिया है।
रैना ने कहा कि छवांग ने निजी वजह से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख के सांसद ने बुधवार को अपने पत्र में कहा कि वह स्वास्थ्य कारणों के चलते पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने सांसद के तौर पर भी इस्तीफा दे दिया है. छवांग दो बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं।
यहाँ यह जान लेना भी आवश्यक है कि 2014 के बाद से 30 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं जिनमें से 16 सीटें भाजपा के खाते में थीं लेकिन अब इनमें से सिर्फ 6 सीटें ही भाजपा बरकरार रख सकी है। यानी पार्टी को 10 सीटों का नुकसान हुआ है। नतीजतन लोकसभा में भाजपा की सीटों का आंकड़ा 282 से घटकर 272 ही रह गया है।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की तीन महत्वपूर्ण सीटें गंवा चुकी है। इनमे योगी आदित्यनाथ का संसदीय क्षेत्र रही गोरखपुर,उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की संसदीय सीट फतेहपुर और बीजेपी के दिवंगत पूर्व सांसद हुकुम सिंह के संसदीय क्षेत्र वाली सीट कैराना शामिल है।
इतना ही नहीं 2014 में बीजेपी द्वारा जीती गयीं राजस्थान की अजमेर और अलवर लोकसभा सीटें भी उपचुनाव में कांग्रेस ने उससे छीन ली हैं। कई राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनावों में भी बीजेपी को बड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
जानकारों की माने तो उपचुनावों में लगातार हार का असर बीजेपी को 2019 के आम चुनावो में देखने को मिल सकता है। वहीँ पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के परिणामो का असर भी 2019 के आम चुनावो पर पड़ेगा।
अभी हाल ही में बीजेपी सांसद अनंत कुमार के निधन और अब लद्दाख से सांसद का संसद और पार्टी से इस्तीफे के चलते बीजेपी की संसद में संख्या 278 से घटकर 276 हो गयी है।