‘संविधान में धर्म को मानने की आजादी, सिविल कोड सही नहीं’: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
नई दिल्ली । मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने की केंद्र सरकार द्वारा की कोशिशों का विरोध करते हुए कहा है कि यह देशहित में नहीं होगा। गुरुवार को बोर्ड ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह देशहित में नहीं है। यहां कई सारी संस्कृतियां हैं जिनका सम्मान होना चाहिए। अमेरिका में हर कोई अपने निजी कानूनों और पहचान का पालन करता है तो फिर हमारा देश क्यों इस तरह लोगों को रहने नहीं देना चाहता।
बोर्ड ने आगे कहा कि हम इस देश में संविधान के एक समझौते के तहत रह रहे हैं। संविधान ने हमें यहां रहने और धर्म का पालन करने की अनुमति दी है। मुस्लिमों ने भी देश की आजादी में बराबर का योगदान दिया है लेकिन उनके योगदान को हमेशा ही कमतर आंका जाता है।
बता दें कि हाल ही में यूनिफार्म सिविल कोड की लॉ पैनल ने देश में विभिन्न धर्मों में महिला विरोधी माने जाने वाले कानूनों को लेकर आम लोगों की राय मांगी थी। कमिशन ने लोगों से पूछा था कि क्या ऐसी परंपराओं और नियमों को खत्म किया जा सकता है जिन्हें देश के तीन बड़े धर्मों में महिला विरोधी माना जाता है।