श्रीनगर: छात्र का शव मिलने के बाद फिर भड़की हिंसा, कई इलाकों में कर्फ्यू

श्रीनगर । कश्मीर घाटी में बंद, प्रदर्शन व हिंसा का दौर शनिवार को लगातार 71वें दिन भी जारी रहा। श्रीगनर के थीड हारवन क्षेत्र में शुक्रवार रात को सातवीं कक्षा के छात्र मोमीन अल्ताफ गनेई का शव मिलने के बाद शनिवार को हिंसा में तेजी आ गई।

बताया जा रहा है कि छात्र प्रदर्शन के दौरान घायल हुआ था और उसके शव पर पैलेट गन के भी निशान थे, जिसके बाद पूरी वादी में लोग सड़कों पर उतर आए। सुरक्षाबलों को कई जगह हिंसक भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसूगैस, पैलेट गन और गोली चलानी पड़ी। दिनभर जारी रही हिंसक झड़पों में एक डीएसपी व 20 सुरक्षाकर्मियों समेत 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायल प्रदर्शनकारियों में से एक को गोली भी लगी है।

इस बीच कश्मीर में हिंसा भड़काने के आरोप में 58 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। प्रशासन ने अलगाववादियों के कुलगाम, कुपवाड़ा और बड़गाम में आजादी मार्च को देखते हुए इन तीनों कस्बों में आने-जाने के सभी रास्तों को सील करते हुए कर्फ्यू को सख्ती से लागू कर रखा था। इसके अलावा श्रीनगर के थीड हारवन, निशात, हजरतबल और डाउन-टाउन के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू था। अलगाववादियों ने अपने हड़ताली कैलेंडर व बंद को 22 सितंबर तक बढ़ा रखा है।

पुलिस प्रशासन ने अलगाववादियों के मार्च को तो नाकाम बना दिया, लेकिन हिंसक घटनाएं, आजादी समर्थक जुलूस और जलसों का दौर बदस्तूर जारी रहा। सबसे ज्यादा हिंसा दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में हुई, जहां मात्रीगाम, किलोरा, हरमैन और बोनगाम में आजादी मार्च निकालने के प्रयास में हिंसक हुए लोगों को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करना पड़ा। शोपियां में 30 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पैतृक कसबे बिजबिहाड़ा और पजलपोरा में आजादी रैली समर्थकों ने सुरक्षाबलों पर जमकर पथराव किया। सुरक्षाबलों ने भी हालात पर काबू पाने के लिए बल प्रयोग किया। बिजबिहाड़ा में एसडीपीओ तनवीर अहमद समेत 13 सुरक्षाकर्मी और आठ प्रदर्शनकारी घायल हुए। कुलगाम में आजादी मार्च निकालने का प्रयास करने वाले लोगों को रोकने के प्रयास के दौरान लोगों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया। जवाब में सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए उनपर आंसूगैस के गोले तथा पैलेट चलाए, जिसके नतीजे में दो दर्जन लोगों के घायल होने की सूचना है।

इस दौरान श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर वुसन-गांदरबल में आजादी समर्थक नारे लगाती भीड़ ने वहां से गुजर रहे आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के वाहनों को रोक लिया। भीड़ ने इन वाहनों पर पथराव करते हुए कुछ जवानों को तथाकथित तौर पर जबरन नीचे उतारने व उनके हथियार छीनने का प्रयास किया। इस पर जवानों ने आत्मरक्षा में गोली चला दी। इसमें एक युवक घायल हो गया। इससे हालात पूरी तरह बिगड़ गए और पूरे इलाके में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़पों का दौर शुरू हो गया, जिसमें देर शाम तक 15 लोग घायल हुए थे। इनमें पांच सुरक्षाकर्मी ही हैं।

जम्मू। कश्मीर में अपनी जान जोखिम में डालकर पेट्रोलियम पदार्थो की सप्लाई करने वाले तेल टैंकरों को अब सेना ने भी कान्वाई के साथ कश्मीर में ले जाने के लिए इन्कार किया है। ऑल जेएंडके ऑयल टैंकर ड्राइवर्स-क्लीनर्स यूनियन के महासचिव सरदार सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बनिहाल में रुके टैंकरों को सुबह नौ बजे सेना ने अपने काफिले के साथ आगे बढ़ने से रोक दिया। सेना का तर्क था कि कहीं प्रदर्शनकारी उनके वाहनों को अपना निशाना न बना लें। यूनियन ने कहा कि पहले पेट्रोल बम से हमला और अब सेना ने भी टैंकर चालकों को सुरक्षा में कश्मीर ले जाने से इन्कार किया है जो सरासर अन्याय है। सिंह ने बताया कि शनिवार को कश्मीर से लौट रहे पांच टैंकरों पर पथराव कर उनके शीशे तोड़े गए हैं।

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