वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर ये बोले राहुल

वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर ये बोले राहुल

भुवनेश्वर। ओडिशा दौरे पर पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जब बीजेपी सांसद वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि फ़िलहाल उन्हें इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं हैं।

वहीँ प्रियंका गांधी के सक्रीय राजनीति में कदम रखने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह दस दिनों में लिया गया फैसला नहीं है बल्कि यह फैसला सालो पहले ही ले लिया गया था।

उन्होंने कहा कि मेरी बहिन प्रियंका अपने बच्चो के छोटा होने के कारण परिवार को अधिक समय देना चाहती थी। अब उनका एक बच्चा यूनिवर्सिटी में है। दूसरी संतान भी जल्द ही यूनिवर्सिटी जाने वाली है और इसलिए उन्होंने सक्रिय राजनीति में आने का फैसला कर लिया।

उन्होंने कहा कि प्रियंका भले ही राजनीति में मेरे बाद आयी हैं लेकिन उनकी राय और मेरी राय हमेशा एक रही है। यदि आप मुझ से कोई सवाल करने के बाद प्रियंका से भी वही सवाल पूछेंगे तो हमारा उत्तर 80 फीसदी एक ही होगा।

आरएसएस हर संस्था में देना चाहता है दखल :

भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आरएसएस हर संस्था में दखल देना चाहता है। आरएसएस भाजपा की जननी है। उसे लगता है कि देश में वही एकमात्र संस्था है।

राहुल गांधी ने कहा कि किसी विचारधारा को नहीं बल्कि भारत के 1.2 अरब लोगों को देश चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने अभी तक जो मुझे गालियां दी हैं, उससे मुझे काफी फायदा हुआ है। मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता लेकिन उनकी और मेरी विचारधारा अलग है। मैं उनसे लड़ता रहूंगा। आप मुझसे कितनी भी नफरत करें लेकिन मैं आपसे प्यार से ही बात करूंगा।

विपक्ष एकजुट हो जाए तो भाजपा की जीत असंभव:

राहुल गांधी ने कहा कि हम लोगों की सुनते हैं। नरेंद्र मोदी जी की तरह नहीं, जो समझते है कि उन्हें सब कुछ पता है और सुझाव की कोई गुंजाइश नहीं है। यह अंतर है भाजपा और कांग्रेस में। कांग्रेस का शासन अलग तरह का है। हम लोकतांत्रिक देश चाहते हैं। हम सभी वर्गों को एक साथ जोड़ते हैं और आपसी बातचीत को बढ़ावा देते हैं।

उन्होंने कहा कि जब भारत के लोग यह मानना शुरू कर दें कि सत्ता में बैठा व्यक्ति उनकी बात नहीं सुनता और उनका सम्मान नहीं करता और जब विपक्ष एकजुट हो जाये तो फिर भाजपा के लिए जीत व्यावहारिक रूप से असंभव है।

मनरेगा ने बदला लोगों का जीवन:

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय श्रम बाजार को आकार देने और श्रम मजदूरी को बेहतर बनाने के लिये मनरेगा सफल प्रयास था। इसने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया। वही, अर्थशास्त्री जो पहले मनरेगा के आलोचक थे, आज इसकी सराहना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी मनरेगा को नहीं समझ सकते। उन्होंने इसका मजाक उड़ाया और कहा कि “लोगों से गड्ढे खुदवाये”। ऐसा नहीं है, इससे श्रम बाजार में सुधार आया। इससे भारत में पहली बार न्यूनतम मजदूरी की व्यवस्था बनी।

राहुल गांधी ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर कब्जे और एकाधिकार को चुनौती देने की जरुरत है। मैं ये नहीं कह रहा हूं कि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी क्षेत्र की कोई भूमिका नहीं है, लेकिन मानक सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा तय होने चाहिए।

रोजगार संकट से निपटना बड़ी चुनौती:

उन्होंने कहा कि रोजगार की सबसे बड़ी चुनौती ये है कि भारत ने उत्पादन बंद कर दिया है। उत्पादन पर आज पूरी तरह से चीन का कब्जा है। भारत एक मात्र ऐसा देश है जो इस चुनौती का जवाब दे सकता है। हमें चीन से प्रतिस्पर्धा करनी है। हम कृषि संकट से कैसे निपटते हैं और नौकरी संकट से कैसे निपटते हैं, ये सबसे बड़ी चुनौती है।

राहुल गांधी ने कहा कि आज ओडिशा की विशेष भूमिका है। यह वह राज्य है जिसने एक हिंसक सम्राट अशोक को अहिंसक में बदल दिया। यदि भारत को उन्नति करना है तो ओडिशा के लोगों की आवाज को भी शामिल होना होगा।

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TeamDigital