रिपोर्ट में खुलासा: देश में ग्राहकों का भरोसा 06 साल के निचले स्तर पर पहुंचा

रिपोर्ट में खुलासा: देश में ग्राहकों का भरोसा 06 साल के निचले स्तर पर पहुंचा

नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर जूझ रही मोदी सरकार के लिए एक और बुरी खबर सामने आयी है। भारतीय रिज़र्व बैंक की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में ग्राहकों का भरोसा (कंज्यूमर कॉन्फिडेंस) पिछले 06 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुँच गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों की धारणा, रोजगार के अवसर, आय और खर्च में कमी आई है। सितंबर के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में नौकरियों को लेकर लोगों में बेहद नकारात्मक रुख का पता चला है।

रिज़र्व बैंक के मासिक सर्वे में शामिल आधे से अधिक (52.5%) ने माना कि नौकरियों के लिए हालात बदतर हो गए हैं। जबकि, 33.4 फीसदी ने माना कि आने वाले साल में स्थिति और खराब होगी और 26.7 प्रतिशत ने कहा कि उनकी आमदनी घट गई है।

आरबीआई के सर्वे में शामिल 26.7% ने कहा कि उनकी आमदनी घट गई है। इससे पहले, केवल एक बार नवंबर 2017 में इससे अधिक संख्या में यानी लगभग 28 फीसदी ने कहा था कि इनका आय में कमी आई है। हालांकि, आधे से अधिक यानी 53 प्रतिशत ने उम्मीद जताई कि आने वाले साल में उनकी आमदनी बढ़ेगी। केवल 9.6 फीसदी को ऐसा लगा कि उनकी कमाई घटेगी।

देश के कुल आर्थिक हालत पर करीब आधे यानी 47.9 प्रतिशत ने माना कि यह और खराब हुई है। अंतिम बार इतनी ज्यादा तादाद में ऐसी भावनाएं दिसंबर 2013 में जताई गई थीं।

उस दौरान 54 फीसदी ने कहा था कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो चली है। ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि अभी 31.8 फीसदी का मानना है कि आने वाले साल में हालात और बिगड़ेंगे। इससे पहले, सितंबर 2013 में भविष्य के हाल्रात को लेकर ऐसी नकारात्मकता थी, जब 38.6 फीसदी ने निकट भविष्य में स्थितियां और बदतर होने की आशंका जताई थी।

गौरतलब है कि रिज़र्व बैंक ने यह सर्वे अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, दिल्ली, मुंबई सहित 13 बड़े शहरों के 5,192 परिवारों पर किया है। सितंबर के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में नौकरियों को लेकर लोगों में बेहद नकारात्मक रुख सामने आया है। सितंबर 2012 में इस इंडेक्स को पहली बार तैयार किए जाने के बाद नौकरियों की स्थिति को लेकर पहली बार ऐसा नकारात्मक माहौल देखने को मिल रहा है।

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