राहुल ने आधिकारिक तौर पर दिया इस्तीफा, इस्तीफे में लिखीं ये अहम बातें
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए आधिकारिक तौर पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने चार पेज के इस्तीफे में राहुल गांधी ने कई अहम बातें कहीं हैं।
राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे में लिखा कि हाल के आम चुनाव में हार के लिए वह जिम्मेदारी लेते हैं। जिम्मेदारी लेना पार्टी के विकास के लिए बहुत अहम है। इसी वजह से उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए कड़े फैसले लेने होंगे और विफलता के लिए तमाम लोगों को जिम्मेदारी लेनी होगी। यह गलत होता अगर वह पार्टी अध्यक्ष होने के नाते जिम्मेदारी नहीं लेते।
उन्होंने कहा कि उनके कई वरिष्ठ सहियोगियो ने अगला अध्यक्ष नामित करने का सुझाव दिया। लेकिन किसी व्यक्ति को इस तरह चुनना गलत होता। हमारी पार्टी ऐतिहासिक पार्टी है। संघर्ष और मर्यादा हमारी पार्टी की विरासत है। पार्टी सबसे अच्छा फैसला करने में सक्षम है कि भविष्य में नेतृत्व कौन करेगा। नए कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश के कमेटी बनाने की प्रक्रिया को उनका पूरा समर्थन।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक ताकत के लिए उनकी लड़ाई कभी आसान नहीं रही। उनके मन में भाजपा के प्रति कोई घृणा या रोष नहीं है लेकिन उनका रोम-रोम देश के लिए उनके विचारों का सहज विरोध करता है। यह विरोध इस वजह है कि मेरे मन में भारतीय विचार बसा है। इसी वजह से मेरा उनके विचारों से विरोध है।
राहुल ने लिखा कि यह कोई नया संघर्ष नहीं है, बल्कि हमारी धरती पर हजारों सालों से चल रहा है। जहां उन्हें मतभेद दिखाई देता है, वहां मुझे समानता दिखाई देती है। जहां वह घृणा देखते हैं, वहां मुझे प्रेम दिखाई देता है। जहां उन्हें भय लगता है, वहां हम गले लगाते हैं। प्रेम और अनुराग हमारे देश के असंख्य लोगों के मन में बसा है। आपसी मेल मिला के इस विचार को बचाने के लिए हम लगातार प्रयास करते हैं।
राहुल ने इस्तीफे में लिखा कि हमारे देश, हमारे संविधान पर जो हमले हो रहे हैं, उनसे हमारा देश बर्बाद हो रहा है। वह इस लड़ाई से कतई पीछे नहीं हट रहे हैं। वह कांग्रेस पार्टी के वफादार सिपाही हैं और देश के समर्पित पुत्र हैं। वह अपने देश की सेवा करने और उसे बचाने के लिए काम करते रहेंगे।
राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि हमने चुनाव पूरी मजबूती और मर्यादा के साथ लड़ी। देश की संस्थाओं पर कब्जा करने का आरएसएस का उद्देश्य पूरा हो गया है। हाल के चुनाव में उन्होंने सिर्फ सत्ताधारी दल से मुकाबला नहीं किया, बल्कि देश की तमाम संस्थाओं से भी मुकाबला करना पड़ा क्योंकि भाजपा और आरएसएस ने उन पर कब्जा कर लिया है। आज देश की विविधता की आवाज और आत्मा को बचाने की घड़ी आ गई है। कांग्रेस को उसके लिए आगे आना होगा।
राहुल गांधी के इस्तीफे की अहम बातें:
बतौर अध्यक्ष 2019 में हार की जिम्मेदारी मेरी है।
हार की जिम्मेदारी सभी को लेनी होगी, दूसरों को जिम्मेदार ठहराकर मैं अपनी जिम्मेदारी की अनदेखी करूं ये सही नहीं।
पार्टी को को खड़ा करने के लिए कड़े फैसले लेने होंगे।
2019 में सिर्फ एक पार्टी से नहीं लड़ी कांग्रेस।
देश का पूरा सिस्टम, हर संस्था हमारे खिलाफ थी।
भाजपा लोगों की आवाज को दबा रही है।
भाजपा के नए भारत के विचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा।
असली खतरा ये है कि कहीं चुनाव औपचारिकता बनकर न रह जाए।
It is an honour for me to serve the Congress Party, whose values and ideals have served as the lifeblood of our beautiful nation.
I owe the country and my organisation a debt of tremendous gratitude and love.
Jai Hind ???????? pic.twitter.com/WWGYt5YG4V
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 3, 2019