राफेल मुद्दा सुप्रीमकोर्ट ले जाना चाहते हैं प्रशांत भूषण, लेकिन इस बात का है डर
नई दिल्ली। राफेल मुद्दे को लेकर जहाँ कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ देशभर में सड़को पर उतरने का एलान किया है वहीँ वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण इस मामले को लेकर सुप्रीमकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना चाहते हैं।
प्रशांत भूषण ने राफेल मामले को सुप्रीमकोर्ट ले जाने की मंशा जताते हुए कहा कि वह इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से पहले दुविधा में हैं क्योंकि देश की सर्वोच्च अदालत में भी भारी भ्रष्टाचार है।
शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में कोई मामला ले जाने से पहले सोचना पड़ता है क्योंकि ‘सर्वोच्च न्यायलय में भी बहुत भ्रष्टाचार है’ और यही कारण है कि वह इस मामले को अदालत में ले जाने को लेकर अभी तक तय नहीं कर पाए हैं।’
प्रशांत भूषण ने कांग्रेस की तारीफ़ करते हुए कहा कि भले ही कांग्रेस देर से जाएगी लेकिन इस बार वह पूरी ताकत से इस मामले को उठा रही है। जब प्रशांत भूषण से पूछा गया कि क्या उच्चतम न्यायालय में भी भ्रष्टाचार है ? तो इसके जबाव में वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि इस बारे में कोई दो राय नहीं है कि उच्चतम न्यायालय में भ्रष्टाचार है।’
प्रशांत भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि राफेल सौदे में 36,000 करोड़ का घोटाला हुआ है। सरकार इस मामले को दबाये रखने के लिए चौतरफा दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।
इससे पहले राफेल सौदे विवाद से सुर्ख़ियों में आयी रिलायंस समूह ने नेशनल हेराल्ड अख़बार पर पांच हज़ार करोड़ का मान हानि का केस दायर किया है। रिलायंस समूह का आरोप है कि अख़बार द्वारा प्रकाशित एक आर्टिकल में रिलायंस कम्पनी का नाम घसीटकर उसके सम्मान को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की गयी थी ।
यह मुकदमा रिलायंस डिफेंस, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर, एडिटर इंचार्ज जफर आगा और लेख के लेखक विश्वदीपक के खिलाफ दीवानी में दायर कराया है।