राजीव गांधी को लेकर पीएम मोदी ने कही थी ये बात, नौ सेना ने किया ख़ारिज

राजीव गांधी को लेकर पीएम मोदी ने कही थी ये बात, नौ सेना ने किया ख़ारिज

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के रामलीला मैदान में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लेते हुए कहा था कि वे जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने ‘आईएनएस विराट’ का इस्तेमाल ‘निजी टैक्सी’ के तौर पर किया था।

पीएम मोदी के इस दावे को नौसेना ने ख़ारिज कर दिया है। इंडिया टुडे द्वारा आरटीआई से मांगी गयी जानकारी में पूछा गया था कि भारतीय नौसेना के युद्धपोतों का निजी छुट्टियों के लिए कितनी बार इस्तेमाल किया गया और किन्होंने ऐसा किया?

आरटीआई के जबाव में नौसेना ने कहा कि अनाधिकृत/निजी यात्राओं की भारतीय नौसेना के पोतों पर अनुमति नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा आईएनएस विराट को छुट्टियां मनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने के सवाल पर नौसेना ने कहा कि ‘दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी अपने प्रधानमंत्री होने की हैसियत से 28 दिसंबर 1987 को त्रिवेंद्रम से आईएनएस विराट पर सवार हुए और 29 दिसंबर 1987 को मिनिकॉय में उतरे।’

गौरतलब है कि 9 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने निजी तौर पर छुट्टियां मनाने के लिए आईएनएस विराट का निजी टेक्सी के तौर पर इस्तेमाल किया था।

इतना ही नहीं पीएम मोदी ने यह आरोप भी लगाया था कि आईएनएस विराट में छुट्टियां मनाने के लिए ससुराल पक्ष के विदेश मेहमानो को भी लाया गया था। जबकि आरटीआई के जबाव में नौसेना ने ऐसी कोई जानकारी होने से साफतौर पर इंकार किया है। नौसेना के रिकॉर्ड में सिर्फ दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी का ही नाम मौजूद है।

क्या कहा था पीएम मोदी ने:

9 मई को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा था, ‘दोस्तों, क्या आपने किसी को अपने परिवार के साथ युद्धपोत पर छुट्टियां मनाने के लिए जाने के बारे में सुना है? इस सवाल पर हैरान मत होइए. ऐसा हमारे देश में हो चुका है। कांग्रेस के सबसे बड़े ‘नामदार’ परिवार ने देश के गौरव आईएनएस विराट को निजी टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया।’

पीएम मोदी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि ‘आईएनएस विराट उस वक्त समुद्री सीमाओं की निगरानी कर रहा था, लेकिन इसे छुट्टियों पर जाने वाले गांधी परिवार को लेने के लिए भेजा गया। छुट्टी पर जाने वालों में उनके ससुराल पक्ष के भी लोग थे. क्या देश की सुरक्षा को खतरे में डाला गया या नहीं?

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