ये बीजेपी नहीं बेमानी जीती है: हार्दिक पटेल

ये बीजेपी नहीं बेमानी जीती है: हार्दिक पटेल

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी पराजय को गुजरात के कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने हिंदुस्तान की जनता की हार बताया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में गुजरात में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने राज्य की सभी 26 सीटें जीती थीं।

कांग्रेस की पराजय के बाद हार्दिक पटेल ने ट्वीटर पर लिखा कि ”कांग्रेस नहीं… बेरोज़गारी हारी हैं, शिक्षा हारी हैं, किसान हारा हैं, महिला का सम्मान हारा हैं, आम जनता से जुड़ा हर मुद्दा हारा हैं, एक उम्मीद हारी हैं, सच कहे तो हिंदुस्तान की जनता हारी हैं। कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता की लड़ाई को सलाम करता हूँ। लड़ेंगे और जीतेंगे, जय हिंद। ”

उन्होंने आगे लिखा, ”कांग्रेस और राहुल गांधी ने ईमानदारी से चुनाव में जनता की बात रखी हैं। हम ईमान के साथ मैदान में थे। जनता ने भाजपा को नहीं बेमानी ने भाजपा को जिताया हैं। आप मुझे गाली दे सकते हैं लेकिन सत्य बोलना ज़रूरी हैं। देश में जनता के मुख पर ख़ुशी नहीं हैं। भारत माता की जय।”

हार्दिक पटेल ने एक और ट्वीट में लिखा “जनमत स्वीकार, हार स्वीकार, संघर्ष के लिए हम फिर तैयार,चलते रहेंगे हौसलों के साथ,दिल में लेकर सरदार-नेहरु-गांधी के विचार ! देशवासियों का जनादेश स्वीकार करता हूँ। कोंग्रेस के सभी कार्यकर्ता की लड़ाई को सलाम करता हूँ। लड़ेंगे और जीतेंगे।”

गौरतलब है कि गुरूवार को आये लोकसभा चुनाव के परिणामो में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को ऐतिहासिक विजय मिली है। वहीँ कांग्रेस की उम्मीदों को धक्का लगा है। ताजा रुझानों में एनडीए 300 सीटों का आंकड़ा पार कर चूका है और उसकी बढ़त अभी जारी है।

चुनाव में कांग्रेस के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी पराजय का सामना करना पड़ा है। इनमे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शामिल हैं।

इतना ही नहीं 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला है। इनमे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल, चंडीगढ़, दादरा नागर हवेली, दमन दीव, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, लक्षद्वीप, मणिपुर, दिल्ली, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड शामिल हैं।

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