मोदी सरकार की उम्मीदों को झटका, मूडीज ने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाया
नई दिल्ली। देश में बढ़ती तेल की कीमतों के बीच सब कुछ ठीक होने का दावा करने वाली मोदी सरकार की उम्मीदों को मूडीज ने झटका दिया है। मूडीज के अनुसार तेल की बढ़ी कीमतों का असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ना तय है।
मूडीज ने बुधवार को कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है। उसने इस साल वृद्धि दर के 7.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. इससे पहले उसने जीडीपी के 7.5 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था।
मूडीज ने कहा, ”भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर निवेश और खर्च के बूते अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतें और कड़ी वित्तीय परिस्थितियां जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार पर ब्रेक लगा सकती हैं।”
मूडीज ने अनुमान जताया है कि 2018 में वृद्धि दर 7.3 फीसदी रह सकती है। यह पिछले अनुमान से कम है हालांकि मूडीज ने 2019 के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है. उसे 7.5 फीसदी ही रखा गया है।
मूडीज ने कहा कि घरेलू स्तर पर अर्थव्यवस्था को कई चीजों से फायदा मिल सकता है। बेहतर मॉनसून, ग्रामीण स्तर पर खर्च बढ़ने और अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य की बदौलत अर्थव्यवस्था के विकास को रफ्तार मिलेगी।
इसके अलावा निजी निवेश में सुधार होता रहेगा. इन्वेस्टर्स फर्म ने कहा कि जीएसटी की वजह से हो रहे बदलाव का थोड़ा-बहुत असर अगली कुछ तिमाही में भी इकोनॉमी पर दिख सकता है।
क्या है मूडीज :
मूडीज विश्व की तीन बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में से एक है। दो अन्य रेटिंग एजेंसियों में फिच व स्टैंडर्ड एंड पूअर्स शामिल हैं। मूडीज की स्थापना साल 1908 में की गई थी।
यह एजेंसी सरकारों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा जारी बांड पर आधारित वित्तीय अनुसंधान करती है। इसी आधार पर वह राष्ट्र की क्रेडिट रेटिंग जारी करती है। मूडीज एएए से लेकर सी तक की रेटिंग जारी करती है। एएए सबसे बेहतर व सी सबसे बेकार रेटिंग है।