माल्या के बयान पर सियासी घमासान, पुनिया बोले ‘मैंने देखा था माल्या को बात करते हुए’
नई दिल्ली। हज़ारो करोड़ रपये के डिफाल्टर विजय माल्या द्वारा वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम लिए जाने के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया है। माल्या का बयान मीडिया में आने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने माल्या द्वारा वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम का उल्लेख करते हुए दिए गए बयान की इंडिपेंडेंट एजेंसी से जांच कराये जाने की मांग करते हुए जांच पूरी होने तक जेटली को पद से हटाए जाने की मांग की है।
एएनआई न्यूज़ के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विजय माल्या ने वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीएम मोदी को तुरंत इसकी इंडिपेंडेंट एजेंसी से जाँच कराने के आदेश देने चाहिए।
वहीँ कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीेएल पूनिया ने कहा कि उन्होंने विजय माल्या और वित्त मंत्री अरुण जेटली को संसद के केंद्रीय कक्ष में बात करते देखा था। उन्होंने कहा कि जेटली और माल्या के बीच मुलाकात का प्रमाण उस दिन की सीसीटीवी फुटेज से मिल सकता है।
बता दें कि विजय माल्या ने लंदन कोर्ट में सुनवाई के बाद दावा किया कि देश छोड़ने से पहले उन्होंने ‘सेटलमेंट’ को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी।
I saw both Arun Jaitley and Vijay Mallya having a discussion in the Central Hall of the Parliament. This can be can verified with CCTV footage from that day: PL Punia, Congress pic.twitter.com/eltNNKizfs
— ANI (@ANI) September 12, 2018
वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से यह कह रही है कि सिर्फ विजय माल्या ही नहीं, बल्कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी और कई अन्य को बिना कार्रवाई जाने दिया गया।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि विजय माल्या, तो श्री अरुण जेटली से मिल, विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं, भागीदार है।
माल्या के बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये। उन्होंने पूछा कि वित्त मंत्री ने अब तक यह सूचना क्यों छुपा कर रखी थी। केजरीवाल ने इसे बेहद सकते में डालने वाला बताया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी के देश छोड़कर जाने से पहले उससे मिलते हैं। विजय माल्या के देश से छोड़कर जाने से पहले वित्त मंत्री उससे मिलते हैं। इन बैठकों में क्या पकाया जा रहा था? जनता यह जानना चाहती है।
माल्या के बयान पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार घोटालेबाजों और भगोड़ों के साथ हाथ मिलाए हुए है। उन्होंने मिलकर हजारों करोड़ के लूट की साजिश रची. पीएम मोदी और वित्त मंत्री को इसका जवाब देना चाहिए।
बता दें कि भारत में ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून’ के तहत मुंबई की एक विशेष अदालत में अधिकारियों ने अर्जी लगाते हुए कोर्ट को बताया था कि विजय माल्या और उसके किंगफिशर एयरलाइंस (जो अब अस्तित्व में नहीं है) एवं अन्य ने विभिन्न बैंकों से ऋण लिया था। फिलहाल माल्या पर ब्याज समेत 9990.07 करोड़ रुपये बकाया हैं। ईडी और सीबीआई ने उसके खिलाफ कथित ऋण अदायगी उल्लंघन मामले दर्ज किए हैं।
शराब कारोबारी विजय माल्या भारत से मार्च, 2016 से फरार हुआ था। वह भारतीय अदालतों व कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों के मुकदमे में पेश होने के सम्मन के बावजूद इस समय लंदन में है।
जेटली ने दी सफाई:
विजय माल्या के बयान पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई देते हुए कहा कि जब माल्या राज्य सभा सांसद थे तो इस विशेषाधिकार का उन्होंने एक बार गलत इस्तेमाल किया। मैं सदन की कार्रवाई से अपने कमरे में जा रहा था तब वह दौड़ते हुए मेरे पास आए और सेटलमेंट की बात की।
जेटली ने कहा कि मुझे उनके इस तरह के झांसे भरे प्रस्तावों के बारे में पहले बताया गया था इसलिए मैंने उनसे साफ कहा कि मुझसे बात करने का कोई मतलब नहीं। आप अपने ऑफर बैंकर को दें।
जेटली ने कहा कि माल्या के हाथों में जो कागज थे वे भी मैंने नहीं लिए। सिर्फ इस एक वाक्य के अलावा, जहां उन्होंने अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल किया, उनसे मुलाकात का कोई सवाल ही नहीं उठता।
क्या कहा था माल्या ने:
विजय माल्या ने कहा कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और सभी मामलों को निपटने की बात कही थी लेकिन बैंकों ने उनके सेटलमेंट पर सवाल खड़े कर दिए थे। यह बात उसने वेस्टमिंस्टर कोर्ट से बाहर मीडिया से बातचीत में यह बड़ा बयान दिया।