महागठबंधन की बैठक में जुटे 21 दलों के नेता, सपा- बसपा नदारद

महागठबंधन की बैठक में जुटे 21 दलों के नेता, सपा- बसपा नदारद

नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले आज दिल्ली में हुई विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में 2019 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष की भूमिका और गठबंधन को लेकर बातचीत हुई।

इस बैठक में कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, तेलगुदेशम, आम आदमी पार्टी, एआईयूडीएफ, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोकदल, नेशनल कॉन्फ्रेंस, डीएमके, जनता दल सेकुलर, लोकतान्त्रिक जनता दल सहित कुल 21 राजनैतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। वहीँ समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधि इस बैठक से नदारद रहे।

बैठक में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होकर काम करने पर चर्चा हुई। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष के महागठबंधन को लेकर गहन मंत्रणा हुई।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से कहा हम सभी राजनीतिक दल आरएसएस और भाजपा के एजेंडे के खिलाफ एकजुट हुए हैं और इन्हें रोकने का काम करेंगे।

राहुल ने फिर कहा कि मोदी सरकार में सभी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के साथ सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों को इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के लिए किया जा रहा है जिसके खिलाफ सब मिलकर विरोध करेंगे।

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए तेलगुदेशम पार्टी के नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक ऐतिहासिक रही। उन्होंने कहा कि हम सब दलों की ही नहीं सरकार के खिलाफ ये देश की आवाज है। मोदी सरकार स्वायत्त संस्थाओं पर हमला कर रही है और आरबीआई गवर्नर का इस्तीफा इसी हमले का नतीजा है।

देश का अल्पसंख्यक असुरिक्षत है उसकी रक्षा करेंगे। नायडू ने जल्द एक्शन प्लान तैयार करने के साथ संसद सत्र के दौरान सदन के अंदर और बाहर एकजुटता के साथ सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की घोषणा की।

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा देश के राजनीतिक और आर्थिक आपातकाल की स्थिति बन गई है। जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और संवैधानिक संस्थाओं को बंधक बनाने की कोशिशें हो रही हैं। उनका कहना है कि आरबीआई के गवर्नर ने राजनीतिक कारणों से इस्तीफा दिया है और देश में आपदा जैसे हालात हैं। हम सब मिलकर इस सरकार का विरोध करेंगे।

विपक्षी दलों की इस बैठक में यूपीए चेयर पर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, प्रभारी महासचिव अशोक गहलोत, गुलामनबी आज़ाद, मल्लिकार्जुन खड़के के अलावा एनसीपी से शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल और माजिद मेनन, टीएमसी से खुद ममता बनर्जी, टीडीपी से सीएम चंद्रबाबू नायडू के साथ कुंभमपति राममोहन और वाईएस चौधरी, जेडीएस से पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा और दानिश अली, सीपीएम से सीताराम येचुरी और टीके रंगराजन, नेशनल कांफ्रेस से फारूख अब्दुल्ला, एलजेडी से शरद यादव, आरजेडी से तेजस्वी यादव, जयप्रकाश नारायण, मनोज झा, डीएमके से तिरू स्टालिन, श्रीमती कनीमोझी, टीआर बालू, जेएमएम से हेमंत सोरेन, आरएलडी से अजीत सिंह, सीपीआई से डी.राजा, केसीएम से जोसे के मनी, एचएएम से जीतम राम मांझी, जेवीएम से बाबू लाल मरांडी, आईयूएमएल से पीके कुन्हालीकुट्टी, एआईयूडीएफ बदरूद्दीन अजमल, आमआदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और भगवंत मान, एनपीएफ केजी केन्ये और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन मौजूद थे।

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