मनमोहन सिंह, 78 साल की उम्र में भी 18 घंटे करते थे काम, कभी नहीं की झूठी पब्लिसिटी

मनमोहन सिंह, 78 साल की उम्र में भी 18 घंटे करते थे काम, कभी नहीं की झूठी पब्लिसिटी

नई दिल्ली। 2014 में केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद मीडिया में एक चर्चा अक्सर देखने को मिली, यह चर्चा पीएम नरेंद्र मोदी के काम करने को लेकर रही। कुछ ख़ास मीडिया यह खबर लगातार बताते रहे कि पीएम नरेंद्र मोदी 17 घंटे काम करते हैं और वे कोई अवकाश नहीं लेते।

हालाँकि बेवजह चलायी गयी ऐसी खबरों की कोई अहमियत नहीं है लेकिन स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपने काम करने के समय को लेकर कई बार मीडिया में आयी खबरों से मिलती जुलती बातें जनता के सामने रखीं तो यह अहम हो गया कि आखिर इस देश के पूर्व प्रधानमंत्री कितने घंटे काम करते थे ?

काम करने के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और डा मनमोहन सिंह को सबसे अव्वल माना जाता है। इंदिरा गांधी आवश्यकता अनुसार 16 से 22 घंटे तक काम करती थीं। वहीँ पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह 78 साल की उम्र में भी 18 घंटे तक काम करते थे।

डा मनमोहन सिंह के मामले में मशहूर है कि वे प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा अपने घर से भी बहुत सारे काम करते थे। घर पहुँचने के बाद भी उनका कोई काम रुकता नहीं था। वे कामो को समय से निपटाने के पक्षधर थे।

करीबी लोगों की माने तो पूर्व पीएम डा मनमोहन सिंह प्रातः 07 बजे से अपना काम शुरू कर देते थे और आमतौर पर उनका काम रात 12 बजे तक चलता था। इतना ही नहीं बजट सत्र से पूर्व मनमोहन सिंह को देर रात तक काम करते भी देखा गया।

डा मनमोहन सिंह के दिल की दो बार सर्जरी भी हो चुकी थी। वे प्रातः मॉर्निंग वाक के साथ अपनी दिनचर्या शुरू करते थे और अहम समय अपने कामो में देते थे।

इन सबके बावजूद डा मनमोहन सिंह ने कभी सार्वजनिक रूप से अपनी और अपने काम की तारीफ़ नहीं की। उन्होंने कभी किसी मंच से यह नहीं कहा कि वे देश के लिए कितना काम करते हैं और कितना समय देते हैं। इतना ही नहीं डा मनमोहन सिंह ने कभी किसी मंच से बड़ी बड़ी बातें करते हुए यह अहसान नहीं जताया कि वे देश की खातिर कोई अवकाश नहीं लेते।

डा मनमोहन सिंह की पहचान बेहद सादगी पसंद इंसान के रूप में की जाती है। दस वर्ष तक देश के प्रधानमंत्री रहते हुए भी उन्होंने कभी कोई विवादित बयान नहीं दिया। इतना ही नहीं उन्होंने कभी विपक्षी दलों के नेताओं का उपहास भी नहीं उड़ाया और न ही किसी मंच से किसी व्यक्ति विशेष के लिए कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की।

एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर फिल्म में डा मनमोहन सिंह का जो किरदार बनाया गया है वह वास्तविकता से मेल नहीं खाता। फिल्म में जो भी कहानी पेश की गयी है वह मनमोहन सिंह के कद को छोटा करके दिखाने की कोशिश है।

फिल्म में जिस तरह से मनमोहन सिंह और दस जनपथ को जोड़कर दिखाया गया है वह न सिर्फ मर्यादाओं का उल्लंघन है बल्कि पीएम पद की मर्यादाओं के साथ छेड़छाड़ भी है।

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TeamDigital