मध्य प्रदेश में शराब की बोतलों पर चुनाव आयोग के स्टीकर
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में मतदाताओं को वोट डालने की अपील वाले चुनाव आयोग के स्टीकर शराब की बोतलों पर लगे होने की खबर मीडिया में आने के बाद चुनाव आयोग ने इसे तुरंत रोकने के निर्देश दिए हैं।
मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान होना है। मतदाताओं को जागरूक करने के उद्देश्य से शुरू किये गए जागरूकता अभियान के लिए स्टिकर बनवाये गए थे।
आदिवासी बहुल झाबुआ के मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक करने के लिहाज से प्रशासन ने शराब की बोतलों पर एक स्टिकर लगवाया, जिससे नया विवाद खड़ा हो गया।
सोशल मीडिया पर लोगों ने शराब की बोतलों पर चुनाव आयोग के स्टीकर लगे होने को लेकर तरह तरह के सवाल उठाये। अहम सवाल यह था कि सरकार शराब से होने वाले सेहत के नुकसान को भूल गयी।
लोगों ने सवाल उठाया कि क्या सरकार और चुनाव आयोग के पास मतदाताओं को जागरूक करने का कोई और तरीका नहीं था या चुनाव आयोग लोगों को शराब के प्रति आकर्षित कर रहा है।
वहीँ जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग की तरफ से वोटिंग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ऐसे दो लाख स्टिकर शराब ठेकेदारों को दिये गये थे। उन्हें इन स्टिकर्स को शराब की बोतलों पर चिपकाने के लिए कहा गया था।
इन स्टिकरों के कारण शराब की बोलत पर लिखी वैधानिक चेतावनी भी नजर नहीं आ रही थी. वॉट्सऐप पर इन स्टिकरों के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने स्टिकर चिपकाने के अपने आदेश को रविवार को वापस ले लिया है। अब विवाद बढ़ने के बाद बाद झाबुआ कलेक्टर ने इन स्टिकरों को हटाने के आदेश दिये हैं।