बीजेपी शासित राज्यों में भी 50 फीसदी सीटों पर बीजेपी की वापसी की उम्मीद नहीं
नई दिल्ली। मौजूदा केंद्र सरकार के प्रति देश की जनता में बढ़ रहे गुस्से को लेकर संघ ने अपनी गंभीरता दिखाई है। केंद्र सरकार के खिलाफ बन रहे माहौल को थामने की कमान संघ ने अपने हाथ में ले ली है। समाज के बीच चल रही नकारात्मक चर्चाओं को दूर करने के लिए संघ ने सितंबर के अंत में लोक मंथन आयोजित करने का निर्णय लिया है।
यानि संघ अब यह मानने लगा है कि मोदी सरकार के कामकाज को लेकर जनता संतुष्ट नहीं है। नागपुर में संपन्न अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के तुरंत बाद 15 मार्च को लोक मंथन के आयोजित बैठक में जुटे संघ के शीर्ष नेताओं ने देशभर में मोदी सरकार के प्रति बढ़ती नाराज़गी पर गहरी चिंता ज़ाहिर की।
सूत्रों की माने तो इस बैठक में संघ ने अपने पदाधिकारियों की उन रिपोर्टो पर गहन मनन किया जिसमे कहा गया था कि 2019 में बीजेपी की राह मुश्किल नहीं बल्कि अति मुश्किल होती जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि संघ द्वारा ज़मीनी हकीकत जानने के लिए जुटाए गए ज़मीनी आंकड़ों में कहा गया है कि गैर बीजेपी शासित राज्य तो छोड़ दीजिए, खुद बीजेपी शासित राज्यों में पार्टी पचास फीसदी से अधिक सीटों पर पिछड़ रही है।
अररिया, गोरखपुर और फूलपुर में हुए उपचुनावों के बाद हुई इस बैठक में उपचुनावों के परिणामो को लेकर भी काफी देर तक माथा पच्ची हुई। सूत्रों ने कहा किअधिक्तर संघ नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार जनता की उम्मीदों से परे जा रही है। यही कारण है कि जनता में बीजेपी और मोदी सरकार के प्रति भरोसा दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक लोकमंथन के आयोजन को लेकर 15 मार्च को संपन्न हुई मैराथन बैठक में संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के अलावा नए सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य, भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रज्ञा प्रवाह के प्रमुख जेनंद कुमार, इतिहास संकलन के संगठन महामंत्री बालमुकुंद, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिव प्रकाश, श्यामा प्रसाद मुखर्जी फाउंडेशन के अर्निबन गांगुली और संघ विचारक राकेश सिन्हा के अलावा संघ के कुछ और प्रमुख संगठनों के लोग भी बैठक में मौजूद थे।
सूत्रों ने कहा कि संघ नेताओं ने बैठक में इस बात को स्वीकारा कि यदि मोदी सरकार ने जनता के साथ अपना संवाद सही नहीं किया तो 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 50 फीसदी से अधिक सीटों पर उसका कमबैक कर पाना मुश्किल है। सूत्रों के मुताबिक संघ नेताओं ने तय किया है कि सितंबर के अंत में ज़मीनी स्तर पर लोक मंथन कार्यक्रम आयोजित कर मोदी सरकार की सकारत्मक तस्वीर जनता तक पहुंचाना शुरू किया जाएगा।