बीजेपी को भी एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं, प्लान -2 पर काम करने में जुटी पार्टी: सूत्र
नई दिल्ली। कल लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद तमाम चैनलों द्वारा दिखाए गए एग्जिट पोल भले ही बीजेपी के पक्ष में हैं लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने प्लान-2 पर काम करना शुरू कर दिया है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी के शीर्ष नेता एग्जिट पोल के नतीजों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि एग्जिट पोल में कई राज्यों में बीजेपी को उम्मीद से कहीं अधिक सीटें मिलना पार्टी नेताओं के गले नहीं उतर रहा। इसलिए पार्टी यह मानकर चल रही है कि एग्जिट पोल के नतीजे 23 मई को ख़ारिज भी हो सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि फिर एक बार मोदी सरकार का नारा देने वाली बीजेपी ने केंद्र में पुनः सरकार बनाने के लिए अपने प्लान-2 पर काम करना शुरू कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि एनडीए को केंद्र में बहुमत मिलेगा अथवा नहीं यह तीन राज्य तय करेंगे, पहला उत्तर प्रदेश, दूसरा पश्चिम बंगाल और तीसरा ओडिशा।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेताओं का अपना केलकुलेशन है कि यदि बंगाल, यूपी और ओडिशा में बीजेपी को अच्छी सीटें मिलती हैं तो एनडीए केंद्र में बहुमत की सरकार बनाना सकता है। हालाँकि पार्टी के कुछ नेताओं की राय बिलकुल पलट है। वे उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पार्टी को बहुत सीटें मिलती हुई नहीं देख रहे।
इन सब कयासों के बीच पार्टी ने प्लान-2 पर काम करने का तय किया है। जिससे 23 मई को नतीजे आने के बाद उसे अन्य दलों से सम्पर्क साधने में दिक्क्त न आये और अन्य दलों को सौदेबाज़ी करने का मौका न मिले।
क्या है बीजेपी का प्लान-2 :
सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने आंतरिक सर्वे और चुनाव विश्लेषकों की राय के आधार पर प्लान-2 पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी के आंतरिक सर्वे में बीजेपी को 190-200 सीटें तथा एनडीए के घटक दलों को 40 सीटें तक मिलने की सम्भावना जताई गयी है। इस हिसाब से एनडीए को करीब 230-240 सीटें तक मिल सकती है। ऐसे में एनडीए को सरकार बनाने के लिए 33 से 43 सीटों तक की आवश्यकता पड़ेगी।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने प्लान-2 के तहत गैर एनडीए क्षेत्रीय दलों से बातचीत का रास्ता चुना है। जिससे चुनाव परिणाम आने से पहले ही उन्हें एनडीए में शामिल किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि इन क्षेत्रीय दलों में टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस, पीडीपी और बसपा भी हो सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी परिणाम आने से पहले ही एनडीए के बहुमत के लिए आवश्यक सीटों की तादाद जुटा लेना चाहती है जिससे कि परिणाम आते ही विपक्ष को चुनौती दी जा सके।