बाल आयोग ने पीएम मोदी को भेजा नोटिस, पूछा “किसने गोद लिया”
लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “यूपी का गोद लिया बेटा” संबंधी बयान पर उन्हें नोटिस जारी कर पूछा है कि उन्हें उत्तर प्रदेश में किसने गोद लिया है? आयोग ने पीएम मोदी से सात दिनों में यह बताने को कहा है कि उन्हें किसने गोद लिया है ।
मोदी के बयान संबंधी खबरों का स्वतः संज्ञान लेते हुए आयोग ने यह भी कहा है कि यदि जवाब न दे पाएं तो उत्तर प्रदेश के लोगों से माफी मांगें। आयोग की इस पहल को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है क्योंकि, आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह खुद सत्ताधारी समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता हैं।
मोदी के बयान को बाल अधिकार संबंधी कानून का उल्लंघन बताते हुए आयोग की सदस्य नाहिद लारी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को भेजे नोटिस में कहा गया है कि आप निर्वाचित संवैधानिक पद पर आसीन हैं।
आपने संसद द्वारा पारित बाल संरक्षण कानून की संवेदनशीलता को आहत किया है। आपने ऐसे गरीब व अनाथ बच्चों का मजाक उड़ाकर उनकी भावनाओं को भी आहत किया है जो कानून के दायरे में गोद लिए जाने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। यह मामला इसलिए भी गंभीर हो जाता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति द्वारा ऐसी बात कही गई है जो खुद संवैधानिक ओहदे पर है।
नोटिस के जरिए मोदी से पूछा गया है कि उन्हें उत्तर प्रदेश में किसने गोद लिया? इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय से सात दिनों की अवधि में गोद लेने संबंधी विधिक दस्तावेज (सर्टिफिकेट) उपलब्ध कराने को भी कहा गया है।
विधिक दस्तावेज न उपलब्ध करा पाने की स्थिति में उन लाखों बच्चों से क्षमा याचना करने की जरूरत बतायी गयी है जो गोद लिए जाने की कानूनी प्रक्रिया में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। आयोग ने नोटिस की प्रति देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी और प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भी भेजी है।
क्या कहा था मोदी ने?
प्रधानमंत्री ने गुरुवार (16 फरवरी) को उप्र के हरदोई में एक रैली के दौरान कहा था, “कृष्ण यूपी में पैदा हुए और गुजरात में कर्मभूमि बनाई। मैं गुजरात में पैदा हुआ और यूपी ने मुझे गोद ले लिया। मैं ऐसा बेटा नहीं हूं कि जो माई-बाप की चिंता नहीं करेगा। गोद लिया हुआ बेटा यूपी की चिंता करेगा।”