बसपा के सहारे दिल्ली के सपने देख रहे मुलायम पर कांग्रेस का ब्रेक

बसपा के सहारे दिल्ली के सपने देख रहे मुलायम पर कांग्रेस का ब्रेक

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में बसपा सपा गठबंधन को मिल रही सफलता से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव खासे खुश दिखाई दे रहे हैं। यही कारण है कि फूलपुर और गोरखपुर में सपा उम्मीदवारों की जीत के बाद उन्होंने जोश में कांग्रेस को दो सीटों की औकात वाली पार्टी करार दे दिया।

जानकारों की माने तो मुलायम सिंह यादव द्वारा कांग्रेस को लेकर दिए गए बयान का मतलब यही था कि महागठबंधन होने की स्थति में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को रायबरेली और अमेठी सीट ही दी जाएँ जो उसने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीती थीं।

2017 के विधानसभा चुनावो के दौरान कांग्रेस और सपा में हुए गठबंधन से पूर्व भी समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को अंतिम समय तक चक्कर लगवाए थे। विधानसभा चुनावो में सपा ने कांग्रेस को 100 सीटें देने से शुरू हुई बातचीत को अंतिम समय पर 50 सीटों पर लाकर खड़ा कर दिया था।

2017 के विधानसभा चुनावो के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर एक समय मामला इतना पेचीदा हो गया था कि स्वयं तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनकी बेटी प्रियंका गांधी को इस मामले में दखल देना पड़ा था।

गोरखपुर और फूलपुर में सपा उम्मीदवारों की जीत से गदगद समाजवादी पार्टी खुद को ट्रम्प कार्ड समझने लगी। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को लगा कि अब अगले आम चुनावो में बसपा के सहारे लोकसभा में सीटों की अच्छी तादाद हासिल की जा सकती है।

मुलायम सिंह यादव कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन के पक्ष में नही रहे हैं और कई मौको पर उन्होंने सपा कांग्रेस के बीच गठबंधन पर अपनी नकारत्मक प्रतिक्रिया भी दी है।

उप चुनावो में सपा उम्मीदवारों की सफलता से मुलायम सिंह यादव को लगने लगा कि अगले आम चुनावो में यदि सपा 25 से 30 सीटें भी जीत लेती है तो वे केंद्र में सौदेबाजी की स्थति में रहेंगे।

सूत्रों की माने तो सपा संरक्षक के इरादों को कांग्रेस के चाणक्यो को समझने में बहुत देर नही लगी। सपा के इरादे भांपते हुए कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर सपा की जगह बसपा को अहमियत देने का प्लान किया है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पंजाब और महाराष्ट्र में बसपा को अपना सहयोगी बनाने जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस चाहती है कि हर राज्य में एक बड़ी क्षेत्रीय पार्टी और बसपा उसके सहयोगी बने। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेताओं का मानना है कि कई राज्यों में बसपा का अच्छा नेटवर्क है। जबकि समाजवादी पार्टी सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित है।

सूत्रों की माने तो कांग्रेस की पहली पसंद समाजवादी पार्टी नही बल्कि बहुजन समाज पार्टी है। सूत्रों के मुताबिक 2019 के आम चुनाव के लिए बन्ने वाले विपक्ष के गठजोड़ में यदि सपा ने अधिक सीटो की मांग को लेकर भाव दिखाया तो उसे बाहर भी रखा जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक यदि सपा गठबंधन से बाहर रहती है तो उत्तर प्रदेश में शरद यादव की नई पार्टी लोकतान्त्रिक जनता दल को उत्तर प्रदेश की यादव बाहुल्य सीटें दी जा सकती हैं। बता दें कि शरद यादव उत्तर प्रदेश के बदायूं से सांसद रह चुके हैं और यादव बाहुल्य क्षेत्रो में उनका आज भी प्रभाव है।

फ़िलहाल इतना तय माना जा रहा है कि कांग्रेस विधानसभा चुनावो में बसपा को लेकर आगे बढ़ेगी और यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर बसपा से सीटों के तालमेल के आधार पर गठबंधन का एलान कर सकती है।

बसपा को आगे बढाकर कांग्रेस ने फ़िलहाल सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की दिल्ली उडान की सोच पर ब्रेक लगा दिया है। देखना है आने वाले समय में कांग्रेस और सपा के बीच गठजोड़ के रास्ते बन पाते हैं अथवा नही। लेकिन इतना तय है कि अगले आम चुनावो में समाजवादी पार्टी को मोल भाव करने का मौका नही दिया जाएगा।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital