बजट बाद चिदंबरम का मोदी सरकार से सवाल “क्या 12 महीने में आ जायेंगे अच्छे दिन”
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नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा आज पेश किये गए आम बजट के बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार से सवाल किया है। चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिन और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सबका साथ-सबका विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चार साल में तो अच्छे दिन आए नहीं शेष 12 महीनों में क्या आएंगे।
चिदंबरम ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा इस सरकार का आखिरी आम बजट है इसके लिए भगवान को धन्यवाद देता हूं। बजट को 29 जनवरी को जारी आर्थिक सर्वे में दिए गए अधिकारिक आंकड़ों के तथ्यों से देखना चाहिए। इस तरह के बजट से 2017-18 में जीडीपी की दर बढ़ना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का फोकस किसानों पर जरूर है लेकिन बजट का फोकस नहीं है। सरकार के पास न पैसा है न ही कोई स्कीम। आर्थिक सर्वे के मुताबिक चार साल से कृषि ग्रोथ और राजस्व नहीं बढ़ा है। किसानों का जीवन स्तर जस का तस और आमदनी स्थिर है। ऐसे अगले चार साल यानी 2022 तक आमदनी दुगनी कैसे हो जाएगी। सरकार ने किसानों के हर उपज का समर्थन मूल्य 1.5 गुना देने का वादा तो किया है लेकिन बजट में विस्तार से कुछ नहीं बताया गया है।
वित्त मंत्री ने जिन दस करोड़ परिवारों को दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम देने का वादा किया है उसके प्रीमियम की रकम कहां से लाएंगे। इसका उल्लेख कहीं बजट में नहीं है। ये भी मोदी सरकार का बड़ा जुमला साबित होगा।
सरकार के पास लोगों को रोजगार देने की कोई स्कीम नहीं है। बजट में जिस मुद्रा स्कीम को रोजगार के लिए देने वाला बताया जा रहा है उसमें 43 हजार मिलेंगे रोजगार नहीं। रोजगार पैदा कैसे होंगे इसका उल्लेख नहीं है।
चिदंबरम का कहना है बजट वित्तीय घाटे को और बढ़ाने वाला है। सरकार ने निर्यात के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया है। न ही निवेश की संभावना को लेकर भी बजट में कुछ कहा गया है।
सरकार से आस लगाने वाले आम कर दाताओं को कोई स्लैब में कोई छूट नहीं मिली है। जबकि कॉरपोरेट जगत को का लाभ मिलेगा। 250 करोड़ के ऊपर के टर्नओवर पर पांच फीसदी तक की छूट दी गई है।
सरकार ने गरीबों और पिछड़ों से जुड़ी सामाजिक दायित्वों की योजनाओं जैसे मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय पेयजल मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, नेशनल हेल्थ मिशन मिड डे मील जैसी योजनाओं के खर्च पर कटौती की गई है।