फ्लॉप साबित हुए दावे, भारत की अर्थव्यवस्था 5वें नंबर से सातवें नंबर पर लुढ़की
नई दिल्ली। भारत को 2025 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाये जाने का पीएम मोदी का दावा फिलहाल फ्लॉप होता नज़र आ रहा है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने के चंद महीनो में ही देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है और यह विश्व में पांचवें नंबर से लुढ़क कर सातंवे नंबर पर जा पहुंची है।
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार के बड़े बड़े दावों के बीच फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर उधोग समूह भी चिंतित दिखाई दे रहे हैं। एक बार फिर ब्रिटेन और फ्रांस भारत से आगे हो गए हैं।
जहाँ एक तरफ देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री मंदी के दौर से गुजर रही हैं वहीँ मंदी के चलते कई लाख कर्मचारियों पर बेरोज़गार होने की तलवार भी लटकी है। नोट बंदी और जीएसटी की मार झेल चुकी देश की ऑटो मोबाईल इंडस्ट्री की हालत चिंता जनक है।
एलऐंडटी कंपनी के चेयरमैन ए.एम. नाईक ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अगर हम जीडीपी 6.5 फीसदी भी हासिल कर लेते हैं, तो हम ‘भाग्यशाली’ होंगे।
ब्रिटेन- फ़्रांस के मुकाबले भारत की ग्रोथ हुई कम :
विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में ब्रिटेन और फ्रांस की अर्थव्यवस्था में भारत के मुकाबले ज्यादा ग्रोथ रिकॉर्ड दर्ज की गई, जिस वजह से इन दोनों ने एक-एक पायदान का छलांग लगाया है। ब्रिटेन पांचवें स्थान पर पहुंच गया है जबकि छठे स्थान पर फ्रांस काबिज हो गया है। जिस वजह से भारत पांचवें स्थान से खिसक कर सातवें पायदान पर आ गया है जबकि अमेरिका टॉप पर बरकरार है। इन आंकड़ों के मुताबिक 2018 में भारत 2.73 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की सातवीं बड़ी अर्थव्यवस्था रहा।
विश्व बैंक के ताजे आंकड़ों को देखें तो 2018 में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था बढ़कर 2.82 ट्रिलियन डॉलर हो गई, जबकि फ्रांस की अर्थव्यवस्था 2.78 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़कर हो गई। वहीं भारत की अर्थव्यवस्था साल में 2.73 ट्रिलियन डॉलर तक ही पहुंच पाई।
आंकड़ों के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था साल 2018 में महज 3.01 फीसदी बढ़ी, जबकि इसमें साल 2017 में 15.23 फीसदी का इजाफा देखा गया था। इसी तरह ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 2018 में 6.81 फीसदी बढ़ी, जिसमें साल 2017 में महज 0.75 फीसदी का उछाल आया था। इसके अलावा अगर फ्रांस की बात करें तो साल 2018 में इसकी अर्थव्यवस्था 7.33 फीसदी बढ़ी, जो कि साल 2017 में सिर्फ 4.85 फीसदी बढ़ी थी। इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था 2017 के मुकाबले 2018 में सुस्त रही, जिस वजह से भारत इस रैंकिंग में पिछड़ गया।
फिलहाल पीएम मोदी द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाये जाने के दावे को झटका लगा है। जानकारों की माने तो सरकार को इस दिशा में जल्द फैसले लेने होंगे।