प्रेस की आजादी के मामले में गिरी भारत की रैंकिंग, कथित राष्ट्रवाद को लेकर मीडिया सेंसरशिप बढ़ी
नई दिल्ली। प्रेस की आज़ादी के मामले में भारत तीन पायदान लुढ़क कर 136 वे नंबर पर पहुँच गया है। इससे पहले मीडिया की आज़ादी के मामले में भारत को 133 वां स्थान प्राप्त था। 180 देशो में प्रेस की आज़ादी को लेकर किये गए सर्वेक्षण में पता चला है कि पिछले कुछ वर्षो में भारत में मीडिया की आज़ादी में तेजी से कमी आयी है।
बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक प्रेस की आजादी के मामले में भारत पाकिस्तान से मात्र तीन स्थान ऊपर है जबकि हिंसाग्रस्त फिलिस्तीन से एक अंक चीने है। भारत के पड़ोसी देश नेपाल और भूटान प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में भारत से कहीं अच्छे हैं। नेपाल को 84वां और भूटान को 100वां स्थान हासिल हुआ है।
प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में नार्वे, स्वीडन, फिनलैंड और डेनमार्क पहले चार पायदान पर है जबकि अमेरिका 43वें स्थान पर है। चीन को 176वां स्थान मिला है। उत्तर कोरिया प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में आखिरी स्थान पर है।
सर्वेक्षण में सामने आया है कि भारत में कथित राष्ट्रवाद के नाम पर मीडिया की सेंसरशिप बढ़ी है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सरकार के खिलाफ बोलने वाले पत्रकारों को ऑनलाइन टार्गेट किया जा रहा है। सरकार का विरोध करने वाले पत्रकारों पर आरोप लगाए जा रहे हैं उन्हें राष्ट्र विरोधी तक कहा जा रहा है। रिपोर्ट में कश्मीर में इंटरनेट पर प्रतिबंध को लेकर भी कहा है कि पुख्ता सुरक्षात्मक तंत्र के बिना संवेदनशील इलाकों की कवरेज काफी मुश्किल है।