पार्टी की किरकिरी कराने वाले करीब एक दर्जन बड़बोले नेताओं के टिकिट काट सकती है बीजेपी
नई दिल्ली। अगले आम चुनावो की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी अब उन नेताओं को टिकिट न देने का मन बना रही है जिन्होंने अपने बड़बोलेपन से पार्टी और सरकार की लगातार किरकिरी कराई है।
पार्टी सूत्रों की माने तो हिंदुत्व, राम मंदिर, आरक्षण, नाथूराम गोडसे और अंत में हनुमानजी को लेकर अनावश्यक बयान देने वालो पर पार्टी सख्त रुख अपना सकती है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी हाईकमान का मानना है कि पार्टी के कुछ सांसदों और मंत्रियों ने अनावश्यक बयान देकर मोदी सरकार के कामकाज को फीका करने की कोशिश की है। इससे पार्टी की इमेज को धक्का लगा है।
पार्टी सूत्रों की माने तो दिल्ली से बंगाल तक जिन नेताओं ने सार्वजनिक रूप से पार्टी लाइन से अलग राय रखकर पार्टी की किरकिरी कराई थी, उन्हें सूचीवद्ध किया गया है और ऐसे नेताओं को पार्टी 2019 में टिकिट नहीं देने का मन बना रही है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के एक विधायक ज्ञानदेव आहूजा का टिकिट काटकर पार्टी इस बात का सन्देश पहले ही दे चुकी है। ज्ञानदेव आहूजा ने जेएनयू विवाद पर अनावश्यक बयान देकर पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा कर दी थीं।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि बिहार में गिरिराज सिंह, अश्वनी कुमार चौबे के अलावा शत्रुघ्न सिन्हा और कीर्ति आज़ाद, उत्तर प्रदेश में स्वामी साक्षी महाराज, श्यामाचरण गुप्ता, चौधरी बाबूलाल, साध्वी निरंजन ज्योति, सत्यपाल सिंह तथा मध्य प्रदेश में अनूप मिश्रा, ज्योति ध्रुवे जैसे कई सांसदों के टिकिट डेंजर ज़ोन में हैं।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि 2014 के चुनावो में अभूतपूर्व विजय के बावजूद बीजेपी को कई मौको पर अपने ही सांसदों की ज़ुबान फिसलने पर सफाई देनी पड़ी। कभी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने हिंदुत्व और राम मंदिर को लेकर आड़े टेड़े बयान दिए तो कभी साध्वी निरंजन ज्योति के रामजादे और हरामजादे वाले बयान से पार्टी को नुकसान हुआ।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश से बीजेपी सांसद अनूप मिश्रा ने संसद की कार्यवाही के दौरान अपनी ही सरकार को घेरा वहीँ सांसद ज्योति ध्रुवे ने एक कार्यक्रम में पीएम मोदी के वैवाहिक जीवन को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री ने शादी तो की लेकिन घर नहीं बसाया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के कई सांसदों और मंत्रियों ने लगातार गैर ज़रूरी बयान दिए इससे सरकार और पार्टी को कई बार सफाई देनी पड़ी।
फिलहाल देखना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए जारी होने वाली बीजेपी उम्मीदवारों की सूची में पार्टी हाईकमान किस किस बीजेपी नेता का टिकिट काटता है।