पाटीदारो को आरक्षण देने के लिए कांग्रेस ने तय किया ये फार्मूला, अब हार्दिक पटेल से होगी बात

पाटीदारो को आरक्षण देने के लिए कांग्रेस ने तय किया ये फार्मूला, अब हार्दिक पटेल से होगी बात

नई दिल्ली। गुजरात चुनाव में पाटीदार पटेलों को अपने साथ लाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस ने पाटीदारो को आरक्षण देने के लिए फार्मूला तलाश लिया है। इससे पहले कल पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा था कि कांग्रेस पाटीदारो को किस तरह आरक्षण देगी, इस पर अपना रुख स्पष्ट करे।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार यदि पार्टी गुजरात की सत्ता में आती है तो वह पाटीदारो को शेष रहे 51 प्रतिशत में से आरक्षण का रास्ता तलाशेगी। सूत्रों ने कहा कि पाटीदारो को ओबीसी कोटे में डालने की जगह कांग्रेस आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण का कोटा तय कर सकती है।

आर्थिक रूप से पिछडो के लिए कोटा तय करके बिना उच्च जाति के लोगों को आरक्षण दिया जा सकता है। वर्ष 2016 में गुजरात की भाजपा सरकार ने सामान्य वर्ग में पाटीदारों सहित आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसद आरक्षण की घोषणा की थी। कांग्रेस इसे बढाकर 20 फीसद करके पाटीदारो और अन्य उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को आरक्षण का रास्ता शुलभ करा सकती है।

कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने भी एक चैनल से बातचीत के दौरान इस बात के संकेत दिए हैं कि पाटीदारो को आरक्षण देने के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दिये जाने वाले कोटे को बढ़ाया जा सकता है।

वहीँ हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि यदि गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनी तो हम आर्थिक रूप से पिछडो के लिए 20 फीसद आरक्षण निर्धारित करने के लिए 2018 में एक बिल लाएंगे।

सूत्रों ने कहा कि यह कोटा सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण के लिए तय 50 फीसद की सीमा से अधिक होगा। गुजरात में पहले होई एससी/ एसटी और ओबीसी को 50 फीसद आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था है। इसलिए पाटीदारो के लिए अलग से स्पेशल कोटा तय करना मुमकिन नहीं होगा।

सूत्रों ने कहा कि इस फॉर्मूले पर कांग्रेस हार्दिक पटेल से बात करने जा रही है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने इस मसौदे पर कानूनी राय भी ली है और पाटीदारो को आरक्षण दिए जाने के रास्ते में आने वाली बाधाओं पर भी पूरा होमवर्क कर लिया है।

सूत्रों ने कहा कि यदि कांग्रेस पाटीदारो को ओबीसी में शामिल करती है तो ओबीसी कांग्रेस से नाराज़ हो सकते हैं। गुजरात में ओबीसी परम्परागत रूप से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। ऐसे में पाटीदारो को अपने साथ मिलाने के लिए ओबीसी को नाराज़ करके कांग्रेस कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।

फ़िलहाल सभी की नज़रें हार्दिक पटेल पर टिकी हैं। पाटीदारो का कांग्रेस को समर्थन मिलेगा या नहीं यह इस बात पर टिका है कि हार्दिक पटेल कांग्रेस के इस फॉर्मूले को स्वीकार करते हैं अथवा नहीं।

गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष 3 नवंबर को सूरत में बड़ी सभा करने जा रहे हैं। सूरत और आसपास के इलाको में पाटीदारो की तादाद अच्छी बताई जाती है। यही कारण है कि कांग्रेस भी 3 नवंबर को राहुल गांधी की सूरत रैली से पहले इस मामले को हल करना चाहती है।

 

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