पंद्रह दिनों में साफ़ हो जायेगी चुनावी तस्वीर, 3 सितंबर को अखिलेश फिर जायेंगे एमपी

पंद्रह दिनों में साफ़ हो जायेगी चुनावी तस्वीर, 3 सितंबर को अखिलेश फिर जायेंगे एमपी

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में अगले पंद्रह दिनों में चुनावी तस्वीर साफ़ हो जाएगी। गैर बीजेपी दलों के बीच गठबंधन को लेकर चल रही बातचीत पर अभी तक किसी पार्टी का रुख साफ़ नहीं है। कांग्रेस, बसपा और सपा के बीच गठबंधन को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई घोषणा नहीं हुई है।

इस बीच खबर है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव तीन सितंबर को पुनः मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे। समाजवादी पार्टी के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष गीरी सिंह यादव ने लोकभारत को बताया कि सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के दौरे के बाद तस्वीर पूरी तरह साफ़ हो जाएगी।

हालाँकि प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में सपा का बसपा से गठबंधन है और वह मध्य प्रदेश में भी जारी रहेगा लेकिन वहीँ दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी मध्य प्रदेश में गठबंधन को लेकर ख़ामोशी बनाये हुए हैं।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के बीच भी गठबंधन किये जाने को लेकर ख़बरें गर्म हैं। पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ स्वयं कह चुके हैं कि बसपा के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत प्रगति पर है लेकिन कमलनाथ ने ऐसा कोई इशारा नहीं दिया जिससे यह साबित हो सके कि इस गठबंधन में सपा को भी शामिल किया जा रहा है।

वहीँ कयास लगाए जा रहे हैं कि मध्य प्रदेश में नवंबर के अंत में या दिसंबर के मध्य तक विधानसभा चुनाव हो जायेंगे। ऐसे में देखना है कि चुनाव पूर्व राज्य की राजनीति क्या करबट लेती है।

वहीँ यह भी कहा जा रहा है कि बसपा मध्य प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन करने की इच्छुक नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन के लिए बसपा की पहली पसंद कांग्रेस है। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने बसपा को राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करने का प्रस्ताव दिया है।

जानकारों की माने तो सपा से गठबंधन करने से बसपा को सिर्फ यूपी में फायदा हो सकता है लेकिन अन्य राज्यों में कोई फायदा नहीं होगा क्यों कि सपा का संगठन अन्य राज्यों में मौजूद नहीं है। वहीँ कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से बसपा को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, कर्णाटक, गुजरात, बिहार और झारखण्ड में फायदा मिल सकता है।

इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मध्य प्रदेश में या तो महागठबंधन के तौर पर सपा, बसपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन होगा अन्यथा कांग्रेस और बसपा ही गठबंधन का हिस्सा होंगे।

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TeamDigital