त्यौहार के मौके पर अरहर दाल 150 और उरद दाल 180 रुपये प्रति किलो तक पहुंची

नई दिल्ली । देश में खाद्य पदार्थो की कीमतें कम करने के सरकार के तमाम वादे झूठे साबित हो रहे हैं । महंगाई का आलम यह है कि त्यौहार सिर पर हैं और दालो की कीमतें आसमान छू रही हैं । ऐसे में त्यौहारो पर मिठाई सहित अन्य खाने पीने की चीजें महंगी होना लाजमी है ।

दाल की कीमतों पर कैसे नियंत्रण पाया जाए इसे लेकर सरकार ने हाल के दिनों कई सारे फैसले लिए, लेकिन उसका दाल कीमतों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा। इसलिये दाल की कीमत को नियंत्रण में कैसे लाया जाये, सरकार इसको लेकर चिंतित है।

दाल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार के दाल पर नियंत्रण कानून प्रस्ताव को कुछ संशोधनों के लिए वापस राज्य सरकार के पास भेज दिया है। अरहर दाल और चना दाल 150 रूपये प्रतिकिलो तो उड़द दाल की कीमत 180 रूपये प्रतिकिलो तक पहुंच गई है।

एक तऱफ दाल की बढ़ती कीमतें और दूसरी तरफ उसे नियंत्रित करने के लिए लाया गया कानून भी लटक गया। इस परिस्थितिको लाभ निश्चित तौर पर जमाखोंरों को मिलेगा।

सरकार दाल के निर्यात की बात कहती है लेकिन यह दाल खुदरा मार्किट में कब पहुंचेगी इसके बारे में कुछ भी कहना मुमकिन है है । फिलहाल आम आदमी को महंगी दाल से ही गुजारा करना पड़ेगा ।

वहीँ इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर में दावा किया गया है कि अगले चार महीनो में दाल की कीमतें कुछ कम होने के आसार हैं । खबर के अनुसार सरकार द्वारा विदेशो से आयातित दाल के खुदरा मार्किट में पहुँचने और नई फसल आने के बाद ही दाल की कीमतों में कमी होने की सम्भावना है ।

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TeamDigital