तेलंगाना में कांग्रेस टीडीपी गठबंधन, नायडू ने गठबंधन को बताया प्रजातान्त्रिक ज़रूरत
नई दिल्ली। तेलंगाना में तेलगूदेशम पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन को टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आज की प्रजातान्त्रिक ज़रूरत बताया है। नायडू ने कहा कि जब तेलंगाना में टीआरएस ने गठबंधन का प्रस्ताव ठुकरा दिया तो उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
नायडू ने यह भी कहा कि टीआरएस और टीडीपी के गठबंधन से वे दक्षिण भारत में उभर के आ सकते थे, लेकिन टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन, टीआरएस के उनके गठबंधन के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद किया गया।
नायडू ने कहा कि अगर हम दोनों संगठित हो जाते तो कांग्रेस को कर्नाटक में रोक सकते थे। बीजेपी और कांग्रेस की तमिलनाडु में कोई जगह नहीं है और अगर हम दोनों मिल जाते तो दोनों ही दक्षिण भारत में अहम भूमिका निभा पाते, लेकिन मेरे प्रस्ताव को के चंद्रशेखर राव ने ठुकरा दिया।
नायडू ने टीडीपी की बैठक में कहा कि राजनैतिक गठबंधन लोकतांत्रिक मजबूरी होती है और हमारे पास गैर बीजेपी पार्टी से गठबंधन करने के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं था। क्योंकि बीजेपी वैसे भी हमारे खिलाफ काम कर रही थी। हमें केंद्र से राज्य को मिले अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिये सपोर्ट की जरूरत थी इसलिए हमने समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ गठबंधन करना सही समझा।
उन्होंने कहा कि राव चाहते थे कि टीडीपी तेलंगाना में चुनाव लड़े और कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन न करे। नायडू ने अप्रत्यक्ष रूप से राव पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बाद में पता चला कि वह किसी और का साथ दे रहे हैं।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि तेलंगाना में टीडीपी को कमजोर करने के लिए बीजेपी ने आंध्र प्रदेश में वाईएस जगनमोहन रेड्डी और तेलंगाना में केसीआर के साथ गुप्त समझौता भी किया और हमारे साथ एकतरफा रूप से गठबंधन को तोड़ दिया।
नायडू ने अपनी पार्टी के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य हर जगह रह रहे तेलुगु लोगों के लिए काम करना है और इसीलिए इस पार्टी का गठन भी किया गया था।
उन्होंने कहा कि हमारे पास केवल 5 या 6 महीने ही बचे हैं और हमने अपने सांसदों को केंद्र-राज्य संबंधों, किसानों की समस्याओं और राफेल सौदे जैसे मुद्दों पर देश भर में सम्मेलन आयोजित करने के लिए भी कहा है। उन्होंने बैठक में बोफोर्स घोटाले के दौरान 105 सांसदों के अपने पद से इस्तीफा देने वाले प्रकरण को भी याद किया।
गौरतलब है कि तेलंगाना में 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। तेलंगाना में कुल 119 विधानसभा सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने 90 सीटों पर विजय हासिल की थी। कांग्रेस को 13 सीटें, एआईएमआईएम को 7, बीजेपी को 5 तथा टीडीपी को 3 सीटें मिली थीं।