तकनीकी शिक्षा के दौर में वैदिक शिक्षा देगी सरकार, उठ रहे सवाल

Smriti-Irani

नई दिल्ली । तकनीकी शिक्षा के दौर में मोदी सरकार छात्रों को वैदिक शिक्षा देने का मन बना रही है । मोदी सरकार की तरफ से वेद विद्या को बढ़ावा देने के लिए एक नया प्लान तैयार किया जा रहा है। मोदी सरकार के इस प्लान पर अभी से सवाल उठना शुरू हो गए हैं ।

इसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय उज्जैन के एक स्वायत्त संस्था महार्षि संदिपानी राष्ट्रीय विद्या प्रतिष्ठान (MSRVVP) के साथ मिलकर एक नया एग्जामिनेशन बोर्ड बनाने की तैयारियों में लगा है जो की CBSE की तरह ही काम करेगा। हालांकि, कुछ ऐसा ही बाबा रामदेव भी करना चाहते थे, पर उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से हरी झंडी नहीं मिली थी।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए सरकार की तरफ से 5 सदस्यों की एक टीम को काम पर लगा दिया गया है। इस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं MSRVVP के सचिव देवी प्रसाद त्रिपाठी। उन्होंने इस नए बोर्ड को बनाने के लिए 6 करोड़ रुपए की मांग रखी है। MSRVVP को उज्जैन में 1987 में बनाया गया था। इस संस्थान का काम वेद से जुड़ी शिक्षाओं को फैलाना है। यह संस्थान अपने स्तर पर दसंवी और 12th की परीक्षाएं भी करवाता है, पर उनको फिलाहल कई बड़े संस्थानों द्वारा मान्याता नहीं दी जाती।

रिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा इसे बोर्ड की मान्याता देने के बाद इसकी मान्यता भी बढ़ जाएगी। आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में हुई मीटिंग के वक्त तक इस संस्थान में 10,000 बच्चे शिक्षा ले रहे थे, जिसे सरकार का साथ मिलने के बाद 40,000 तक बढ़ाया जा सकता है। इन स्कूल में वेद और संस्कृत को मुख्य विषयों के तौर पर शामिल किया जाएगा। अगर ऐसा हो जाता है तो यह देश का पहला वैदिक एजुकेशन बोर्ड होगा।

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