जस्टिस लोया की मौत मामला: 15 पार्टियों के 114 सांसदों के हस्ताक्षरों के साथ राष्ट्रपति को ज्ञापन

जस्टिस लोया की मौत मामला: 15 पार्टियों के 114 सांसदों के हस्ताक्षरों के साथ राष्ट्रपति को ज्ञापन

नई दिल्ली। जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत के मामले की जांच को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर लोया की मौत की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की मांग की ।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा, ‘लोकसभा और राज्यसभा के कई सांसद जज लोया की मौत से बेहद अशांत हैं। वे समझते हैं कि मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की जानी चाहिए। एक जज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस मामले की उचित तरीके से जांच उनके परिजनों के प्रति सच्ची संवेदना होगी।

विपक्ष के सांसदों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन भी दिया। जिसमे पंद्रह दलों के 114 सांसदों ने इससे जुड़े ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि जज लोया के साथ ही दो और जजों की संदिग्ध स्थिति में मौत हुई है। इसलिए इसकी एसआईटी से जाँच कराई जाए।

राष्ट्रपति से मुलाकात करने वालो में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, गुलामनबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, पी. चिदंबरम, सीपीएम के डी. राजा, टीएमसी के इदरिश अली, मनीष गुप्ता, संजय सिंह और बजरुद्दीन अजमल शामिल थे।

गौरतलब है कि जस्टिस लोया बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस मामले से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का नाम भी जुड़ा था। लोया के निधन के बाद इस मामले को दूसरे जज के पास ट्रांसफर कर दिया गया था। बाद में अमित शाह को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था।

दिसंबर, 2014 में जस्टिस लोया की नागपुर में मौत हो गई थी। इसे संदिग्ध माना गया था। मालूम हो कि मामले को प्रभावित करने के आरोप के बाद सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले को महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया गया था।

गौरतलब है कि जस्टिस लोया मौत मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार (12 फरवरी) को होनी है ।

इस मामले में विपक्ष एसआईटी जांच की मांग कर रहा है वहीँ याचिकाकर्ता बंधुराज लोने की ओर से वकील पल्लव सिसोदिया सुप्रीमकोर्ट में कहा कि दूसरे याचिकाकर्ताओं की सभी दलीलें पूरी हो चुकी हैं इसलिए वह अब इसमें और बहस नहीं चाहते। लोगों द्वारा आरोप लगाने पर स्वतंत्र जांच की इजाजत नहीं दी जा सकती।

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TeamDigital