चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने येदुरप्पा, लेकिन इस बार राह नहीं है आसान

चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने येदुरप्पा, लेकिन इस बार राह नहीं है आसान

बेंगलुरु। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदुरप्पा ने आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। येदुरप्पा कर्नाटक के चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने बीएस येदियुरप्पा ने 29 जुलाई सोमवार को विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने का फैसला लिया है, लेकिन इस बार उनकी राहें आसान नहीं दिख रहीं।

कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनने पर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने बहुमत को लेकर सवाल उठाए हैं। सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा के पास बहुमत नहीं है फिर भी सरकार बना रही है।

वहीँ कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने कहा कि येदियुरप्पा का मुख्यमंत्री बनना असंवैधानिक है, क्योंकि वह खरीद-फरोख्त के दम पर सत्ता में आ रहे हैं।

क्या हैं मुश्किलें:

गौरतलब है कि येदियुरप्पा को 31 जुलाई तक कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना होगा। हालाँकि उन्होंने 29 जुलाई को बहुमत साबित करने का एलान किया है।

वहीँ अभी बागी विधायकों पर फैसला होना बाकी है। गुरुवार को विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने तीन बागी विधायकों को दल-बदल रोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है लेकिन शेष रहे 14 बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। इसलिए विधानसभा में सदस्यों की संख्या अभी भी 222 बनी हुई है।

यदि विधानसभा में मौजूदा विधायकों की संख्या को सही मान लिया जाए तो येदुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 112 विधायकों की आवश्यकता होगी। जबकि विधानसभा में बीजेपी के विधायकों की संख्या 105 है और उसे एक निर्दलीय विधायक का समर्थन प्राप्त है। इस तरह बीजेपी को विधानसभा में 106 विधायकों का समर्थन हासिल है। जो बहुमत से कम है।

ऐसे में माना जा रहा है कि यदि 14 बागी विधायकों के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं होता तो वे विधानसभा में मतदान कर सकते हैं। शायद येदुरप्पा यही गणित सोचे बैठे हैं। हालाँकि बीजेपी ने अभी तक यह स्वीकार नहीं किया है कि वह बागी विधायकों के सम्पर्क में हैं या कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के इस्तीफो में उसकी मिलीभगत है।

वहीँ यदि विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या घटकर 208 रह जाएगी और बहुमत साबित करने के लिए बीजेपी को 105 विधायकों की आवश्यकता होगी। इस स्थति में येदुरप्पा आसानी से बहुमत सिद्ध कर सकते हैं।

जानकारों की माने तो शेष रहे 14 बागी विधायकों के इस्तीफ़ो पर फैसला अभी नहीं होना। चूँकि विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने पूर्ववर्ती कुमारस्वामी सरकार के विश्वासप्रस्ताव के दौरान बागी विधायकों को नोटिस देकर मुलाक़ात करने बुलाया था लेकिन उन्होंने जबाव में मुलाकात के लिए चार सप्ताह का समय माँगा था।

इसलिए माना जा रहा है कि बागी विधायकों के इस्तीफो पर विधानसभा स्पीकर अभी फैसला नहीं लेंगे और इसलिए विधानसभा में सदस्यों की संख्या 222 ही मानी जाएगी। अब देखना है कि येदुरप्पा बहुमत के लिए ज़रूरी 112 विधायकों का संख्या बल किस तरह पूरा करते हैं। फिलहाल यह संभव नहीं दिखता।

गौरतलब है कि वर्ष 2018 में भी येदुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे और उन्होंने 17 मई, 2018 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और उन्हें दो दिन बाद विधानसभा में विश्वास मत साबित करना था लेकिन पर्याप्त संख्याबल ना होने से येदियुरप्पा विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने चले गए थे।

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TeamDigital