चुनाव आयोग पहुंचे विपक्षी दल, पारदर्शिता को लेकर उठाये सवाल

चुनाव आयोग पहुंचे विपक्षी दल, पारदर्शिता को लेकर उठाये सवाल

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पांच चरण का चुनाव हो चूका है। अब सिर्फ दो चरणों का चुनाव और बाकी है। इस बीच विपक्षी दलों ने एक बार फिर चुनाव आयोग का रुख किया है और चुनाव में पारदर्शिता लाने की बात आयोग के समक्ष रखी।

चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मीडिया से कहा कि चुनाव आयोग का काम है कि चुनाव पारदर्शी तरीके से हों। हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि लोकतंत्र को बचाया जाए और पारदर्शिता लाई जाए। वह कुछ मुद्दों पर सहमत हुए। उन्हें काम करने दीजिए, हम फिर निर्णय करेंगे कि क्या करना है।

इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर विपक्ष के द्वारा दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था। इस याचिका को टीडीपी और कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों ने शीर्ष अदालत में दायर किया था।

इससे पहले सुप्रीमकोर्ट ने 8 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान हर विधानसभा क्षेत्र में 5 बूथ के ईवीएम को वीवीपैट की पर्ची से मिलाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम को वीवीपैट की पर्ची से मिलाने के अपने इस आदेश में एक से बढ़ाकर पांच कर दिया था। गौरतलब है कि फिलहाल केवल एक बूथ के ईवीएम का ही वीवीपैट की पर्ची से मिलान किया जाता है।

विपक्षी दलों द्वारा संयुक्त रूप से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वीवीपैट पर्चियों के मिलान में केवल दो फीसदी की वृद्धि पर्याप्त नहीं होगी और इससे अदालत के आदेश से पहले की स्थिति में बहुत अधिक बदलाव नहीं आयेगा।

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट की पहले की टिप्पणी का जिक्र करते हुये कहा है कि उसने कहा था कि ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों में औचक मिलान की प्रक्रिया में दो प्रतिशत की वृद्धि से चुनाव प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ाने का मकसद पूरा नहीं होगा।

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TeamDigital