चुनाव आयोग ने मतगणना से पहले वीवीपैट पर्चियों की गिनती की विपक्ष की मांग खारिज की
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के परिणामो से एक दिन पहले चुनाव आयोग ने विपक्ष की उस मांग को ख़ारिज कर दिया है जिसमे मतगणना से पहले वीवीपैट से निकली पर्चियों के ईवीएम से मिलान करने की बात कही गयी थी।
मंगलवार को देश की 22 पार्टियों के नेताओं ने चुनाव आयोग में ज्ञापन देकर मांग की थी कि काउंटिंग से पहले वीवीपैट के पर्चियों की गिनती हो, पर्ची और ईवीएम में समानता ना होने पर पूरी विधानसभा के वीवीपैट के पर्चियों को गिना जाए।
विपक्ष की मांग पर आज चुनाव आयोग ने कहा कि वीवीपैट पर्ची मिलान की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। पहले से तय नियमानुसार ही मतगणना की जाएगी।
चुनाव आयोग के द्वारा वीवीपैट को लेकर दिए गए फैसले पर लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। यदि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता के लिए इस प्रक्रिया को इतना लंबा खींचा गया है, तो चुनाव आयोग पहले नमूने के परीक्षण के मूल सिद्धांत का पालन क्यों नहीं कर रहा है?
येचुरी ने ट्वीट कर कहा कि वीवीपैट की पर्चियों का मिलान भी सुबह वोटों की गिनती के साथ शुरू होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है।
इससे पहले कल (मंगलवार) को विपक्ष की 22 पार्टियों के नेताओं ने चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर काउंटिंग से पहले वीवीपैट के पर्चियों की गिनती कराये जाने की मांग रखी थी।
चुनाव आयोग पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, वामपंथी दलों से सीताराम येचुरी टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन, आप से अरविंद केजरीवाल, सपा से रामगोपाल यादव, राजद से मनोज झा, डीएमके से कनिमोझी जैसे नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया।