चुनावी नतीजों में देर स्वीकार लेकिन 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का हो मिलान: विपक्षी दल

चुनावी नतीजों में देर स्वीकार लेकिन 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का हो मिलान: विपक्षी दल

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मांग कर रहे 21 विपक्षी दलों ने कहा है कि यदि ऐसा करने से चुनावी नतीजे आने में देरी होती है तो वह स्वीकार की जा सकती है।

चुनाव आयोग द्वारा दी गयी दलील पर विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर कहा कि चुनाव के नतीजों के ऐलान में 6 दिनों की देरी स्वीकार्य है लेकिन 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से मिलान होना चाहिए।

गौरतलब है कि 21 विपक्षी दलों द्वारा सुप्रीमकोर्ट में दायर की गयी याचिका में ईवीएम के जरिए होने वाले चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए 50 फीसदी तक वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम से मिलान की मांग की गई थी। इसका चुनाव आयोग ने यह कह कर विरोध किया था कि यदि वीवीपीएटी की पर्चियों की गिनती 50 फिसदी बढ़ जाती है तो लोकसभा चुनाव परिणाम 6- 9 दिनों की देरी से आएगा।

अपने हलफनामे में आयोग ने कहा है कि औसतन, एक मतदान केंद्र की वीवीपीएटी स्लिप काउंट के लिए एक घंटे का समय लगता है। अगर कुल विधानसभा क्षेत्र की संख्या 50% तक बढ़ जाती है तो कम से कम 6 दिन लगेंगे और कुछ विधानसभाक्षेत्रों में 400 से अधिक बूथ हैं तो वहां मतगणना में 9 दिन लग सकते हैं।

चुनाव आयोग ने कहा कि भारत का चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही पैनल ने संकेत दिया कि वीवीपीएटी स्लिप काउंटिंग के लिए और अधिक व्यापक प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है और इस अवस्था में संभव नहीं है।

बता दें कि 50 फीसदी ईवीएम और वीवीपैट का औचक निरीक्षण करने की मांग आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित 21 विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में की है।

इन याचिकाकर्ताओं में शरद पवार(एनसीपी), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), डेरेक ओ ब्राउन(टीएमसी), शरद यादव(लोकतान्त्रिक जनतादल), अखिलेश यादव(सपा), सतीश चंद्र मिश्रा(बसपा), एमके स्टालिन(डीएमके), टीके रंगराजन, मनोज कुमार झा(राजद), फारुख अब्दुल्ला(नेशनल कॉन्फ्रेंस), एसएस रेड्डी, कुमार दानिश अली, अजीत सिंह(रालोद), मोहम्मद बदरुद्दीन अजमल(एआईयूडीएफ), जीतन राम मांझी(हम), प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह आदि शामिल हैं।

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