चमकी बुखार पीड़ितों से मिलने मुजफ्फरपुर पहुंचे कन्हैया कुमार

चमकी बुखार पीड़ितों से मिलने मुजफ्फरपुर पहुंचे कन्हैया कुमार

मुज़फ़्फ़रपुर। बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में चमकी बुखार से बच्चो की हो रही ताबड़तोड़ मौत से जहाँ पीड़ित परिवारों के घर में मातम और सन्नाटा पसरा है। वहीँ पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं के आने का क्रम भी जारी है।

पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए अब तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई केंद्रीय मंत्री भी मुजफ्फरपुर का दौरा कर चुके है। लोकसभा चुनाव में बेगूसराय से उम्मीदवार रहे जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी आज मुज़फ़्फ़रपुर पहुंचे हैं।

जब कन्हैया कुमार यहाँ के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) पहुंचे तो हॉस्पिटल के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया और उन्हें अंदर आने की अनुमति नहीं दी।

हालांकि बाद में बिहार पुलिस के अधिकारी की मौजूदगी में कन्हैया कुमार और उनके दो तीन समर्थकों के साथ एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मिलने दिया गया।

अस्पताल में पीड़ित लोगों से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि ये समय प्रार्थना का है और वह इस मामले में राजनीति नहीं करना चाहते हैं।

गौरतलब है कि बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) की वजह से होने वाली बच्चों की मौत रुक नहीं रही है। इस बीमारी से मरने वाले लोगों की संख्या 139 हो गई है।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 1 जून से राज्य में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 626 मामले दर्ज हुए और इसके कारण मरने वालों की संख्या 139 के करीब पहुंच गई।

मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक अब तक 117 की मौतें हुई हैं। इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामंढी और समस्तीपुर से मौतों के मामले सामने आए हैं।

मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ शैलेश प्रसाद ने गुरुवार देर शाम को बताया था कि पिछले 24 घंटे के दौरान श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल और केजरीवाल अस्पताल में चमकी बुखार से सात बच्चों की मौत हुई।

उन्होंने बताया कि उनके जिले में अबतक इस रोग से ग्रसित कुल 562 बच्चे भर्ती कराए गए जबकि स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद 219 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।

मंगलवार को पूर्वी चंपारण जिले में एक बच्चे की और 16 जून को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बच्चे और 13 जून को समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर में एक बच्चे की मौत हो गयी थी।

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TeamDigital