गैर बीजेपी दलों से बातचीत के लिए कांग्रेस ने बनाई 5 सदस्यों की टीम

गैर बीजेपी दलों से बातचीत के लिए कांग्रेस ने बनाई 5 सदस्यों की टीम

नई दिल्ली। 23 मई को विपक्षी दलों की बैठक पर अभी संशय बना हुआ है लेकिन इस बीच कांग्रेस ने पांच सदस्यीय एक टीम बनाई है जो कि केंद्र में सरकार बनाने के लिए आवश्यक समर्थन जुटाने के लिए गैर बीजेपी दलों से बातचीत करेगी।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पांच सदस्यीय टीम में अहमद पटेल, गुलामनबी आज़ाद, कमलनाथ, पी चिदंबरम और अशोक गहलोत शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी यह मानकर चल रही है कि यूपीए को बहुमत से कम सीटें मिल रही हैं और ऐसे में उसे सरकार बनाने के लिए अन्य गैर बीजेपी दलों से समर्थन हासिल करना होगा।

सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस और चंद्रशेखर राव की टीआरएस के अलावा नवीन पटनायक की बीजू जनता दल से समर्थन हासिल करने के लिए नेताओं को ख़ास ज़िम्मेदारी दी है।

सूत्रों के मुताबिक अहमद पटेल तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी, पी चिदंबरम वाईएसआर कांग्रेस नेता जगन मोहन रेड्डी, सपा बसपा से गुलामनबी आज़ाद, बीजजनता दल नेता नवीन पटनायक और टीआरएस नेता चंद्रशेखर राव से कमलनाथ बातचीत करेंगे। वहीँ आवश्यकता पड़ने पर नीतीश कुमार की जेडीयू से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बातचीत करेंगे।

सूत्रों ने कहा कि पांच सदस्यीय टीम को 23 मई के दिन दिल्ली में बने रहने को कहा गया है। हालाँकि कांग्रेस चाहती है कि 23 मई को ही विपक्षी दलों की बैठक का आयोजन हो लेकिन अभी इस बैठक में शामिल होने के लिए सपा, बसपा और तृणमूल कांग्रेस ने रजामंदी नहीं दी है।

वहीँ सूत्रों ने कहा कि डीएमके नेता चंद्रबाबू नायडू ने कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर केंद्र में गैर बीजेपी सरकार के गठन के लिए अपना पूरा सहयोग और समर्थन देने का आश्वासन दिया था। नायडू ने विपक्ष को एकजुट करने की अपनी मुहिम के तहत सीपीआई नेता सीताराम येचुरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती से भी मुलाकात की थी।

सूत्रों ने कहा कि यूपीए में शामिल सभी दल एकजुट है। इनमे डीएमके, राष्ट्रीय जनता दल, एआईयूडीएफ, रालोसपा, जनता दल सेकुलर, नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा आदि शामिल हैं। लेकिन पार्टी अभी से इन मानकर चल रही है कि केंद्र में सरकार बनाने के लिए बहुमत जुटाने के लिए अभी से प्रयास करने होंगे। जिससे एनडीए और यूपीए के बीच कम सीटों का फासला रहने पर गैर बीजेपी दल कहीं एनडीए के पाले में न चले जाएँ।

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