गृह मंत्रालय के बाद कोयला मंत्रालय की भी खुली पोल, गुडवर्क के लिए तस्वीरों में हेरफेर
नई दिल्ली। अपना गुडवर्क दिखाने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा भारत बांग्लादेश सीमा पर फ्लड लाइट लगाए जाने के काम को दिखाने के लिए असली तस्वीर की जगह स्पेन मोरक्को बॉर्डर की तस्वीर का इस्तेमाल किये जाने की पोल खुलने के बाद अब कोयला मंत्रालय की भी ऐसी ही करतूत की पोल खुल गयी है।
वेबसाइट altnews की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बार कोयला मंत्रालय ने ना सिर्फ एमनेस्टी इंटरनेशनल की तस्वीर को अपने वेबसाइट पर दिखाया, बल्कि एमनेस्टी इंटरनेशनल की असल रिपोर्ट में तस्वीर जिस मकसद से दिखाई गई थी, कोयला मंत्रालय में ठीक उससे विपरित अर्थ दिखाने के लिए ये तस्वीर अपने वेबसाइट पर लगा दी।
एमनेस्टी ने अपनी एक रिपोर्ट में कोयला खदानों के विस्तार की वजह से पैदा हुई मानवीय समस्या को दिखाने के लिए इस तस्वीर को अपनी रिपोर्ट में जगह दी थी, जबकि कोयला मंत्रालय ने कोयला खदानों के विस्तार की वजह से कोयले के आयात में हुई कमी और इसकी वजह से विदेशी मुद्रा में बचत को दिखाने के लिए इस तस्वीर कोयला मंत्रालय और उज्ज्वल भारत की वेबसाइट के होम पेज पर लगाया था।
तस्वीर की इस चोरी को अरुणा चन्द्रशेखर नाम की फोटो जर्नलिस्ट ने पकड़ा। अरुणा पहले एमनेस्टी इंटरनेशनल से जुड़ी हुईं थी और उन्होंने ही 2014 में इस तस्वीर को खींचा था। तस्वीरों में दिख रहा ये कोयला खदान छत्तीसगढ़ के कोरबा के कुसमुंडा का है। इस मामले के सामने आने के बाद मंत्रालय ने अपने वेबसाइट से इस तस्वीर को डिलीट कर दिया है। लेकिन altnews ने गूगल कैश के जरिये इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट हासिल कर लिया। ऊर्जा मंत्रा पीयूष गोयल ने अपने ट्वविटर अकाउंट से इस तस्वीर को ट्वीट भी किया था। अरुणा चन्द्रशेखर ने जब इस पूरे मामले की जानकारी ऊर्जा मंत्री को दी तो उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
Appropriation alert: L: Graphic here: https://t.co/D2AGUrJvk8 R: My photo taken for @AIIndia report on @CoalIndiaHQ's rights violations. pic.twitter.com/hPE4KIEcca
— Aruna Chandrasekhar (@aruna_sekhar) June 15, 2017
अरुणा चन्द्रशेखर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मैने जिस तस्वीर को एमनेस्टी इंटरनेशनल के लिए लिया था उसे कोयला मंत्रालय के वेबसाइट में इस्तेमाल किया गया है। अरुणा चन्द्रेशखर ने सरकार से अपील की है कि सरकार ने जिन आदिवासियों से कोयला खदान के लिए जमीन ली है उनकी ठीक से क्षतिपूर्ति की जानी चाहिए।