गुजरात: संघ के अल्टीमेटम से जागी बीजेपी, एक महीने में पीएम मोदी का चौथा दौरा
नई दिल्ली। देश को कांग्रेस मुक्त करने का सपना संजोने वाले भारतीय जनता पार्टी के लिए गुजरात प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। यही कारण है कि गुजरात में 4 मुख्यमंत्रियों और दर्जनभर मंत्रियों को फ़ौज को चुनावी ज़िम्मेदारियों के तहत बार बार गुजरात भेजा जा रहा है।
पीएम मोदी गुजरात गौरव यात्रा के समापन के अवसर पर गौरव महासम्मेलन को संबोधित करेंगे। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महीने के भीतर चौथी बार गुजरात की यात्रा पर हैं। हाल ही में 8 तारीख को वे अपने गृहनगर वडनगर गए थे।
वहीँ भोपाल के शारदा विहार आवासीय विद्यालय परिसर में तीन दिन चली राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में विभिन्न प्रतिनिधियों ने बताया कि किसान, नौजवान और कारोबारी से लेकर राज्यों के कर्मचारियों तक में आक्रोश पनप रहा है। ऐसे में गुजरात को फिर से फतह कर पाना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है।
रविवार को पंजाब की गुरुदासपुर लोकसभा उपचुनाव के परिणाम ने बीजेपी को आइना अवश्य दिखाया है। कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाली बीजेपी के माथे पर चिंता के भाव साफ़ दिखाई देने लगे हैं। गुजरात बचाने की कवायद के तहत केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, वसुंधरा राजे, सीएम शिवराज सिंह चौहान गुजरात की जनता को संबोधित कर चुके हैं।
सूत्रों की माने तो कल गुरुदासपुर लोकसभा उपचुनाव का परिणाम आने के बाद देर रात बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने इस पर चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि बीजेपी की बड़ी मुश्किल यही है कि जब वह तीन बार जीती हुई गुरुदासपुर लोकसभा सीट नहीं बचा पाई तो गुजरात को कैसे बचाया जाए। सूत्रों ने कहा कि बदले राजनैतिक परिदृश्य के बाद अब बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है।
सूत्रों ने कहा कि गुजरात जीतना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है। इसलिए बीजेपी हिमाचल प्रदेश पर नहीं गुजरात पर फोकस करेगी। सूत्रों ने कहा कि भोपाल में हुई संघ की बैठक में देश में बीजेपी के खिलाफ बढ़ रहे असंतोष को लेकर बीजेपी को अलर्ट दे दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि संघ नेताओं ने बीजेपी को भेजी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि देश में बीजेपी के खिलाफ हर तरफ असंतोष बढ़ रहा है। इस असंतोष की बड़ी वजह वादों पर अमल न हो पाना है।
सूत्रों ने कहा कि संघ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अच्छे दिन लाने के वादे पर बीजेपी जनता के बीच खरी नहीं उतर सकी है। किसानो की ख़ुदकुशी और उनकी दुर्दशा, युवाओं में बढ़ती बरोजगारी, जीएसटी और नोट बंदी को लेकर व्यापारियों में असंतोष तथा बीजेपी शासित राज्यों में ठीक से काम न होना भारतीय जनता पार्टी के लिए आने वाले चुनावो में बड़ी मुश्किलें बनकर सामने आ सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट में गुजरात का हवाला देते हुए संघ ने आगाह किया है कि यदि बीजेपी ने अपनी रणनीति नहीं बदली तो वह राज्य की सत्ता में वापसी की उम्मीद न करे। सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट में अमित शाह के बेटे जय शाह प्रकरण का भी हवाला दिया गया है। इस प्रकरण को लेकर बीजेपी की खिंचाई करते हुए संघ ने कहा है कि आरोप लगने के बाद तुरंत जांच के आदेश न देने से बीजेपी के भ्रष्टाचार और कालाधन विरोधी छवि को क्षति पहुंची है।
गुजरात में फ़िलहाल कांग्रेस ने बीजेपी पर बढ़त बना रखी है। कांग्रेस के कैंपेन को ज़बरदस्त सफलता मिल रही है। दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र के इलाको में बीजेपी का भारी विरोध हो रहा है। वहीँ कांग्रेस को अप्रत्यक्ष रूप से पाटीदारो का समर्थन मिलना बीजेपी के लिए बड़े खतरे की घंटी बजने से कम नहीं है।
फिलहाल देखना है कि क्या अपने मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की फ़ौज की तैनाती के बाद गुजरात में बीजेपी फिर से कमबैक कर पाने में सफल रहती है अथवा नहीं। गुजरात को लेकर बीजेपी नेता जो भी दावे करें लेकिन ज़मीनी हकीकत बीजेपी के दावों को ख़ारिज करती है।