गुजरात में मनमोहन लगाएंगे कांग्रेस की नैया पार
अहमदाबाद। पूर्व प्रधानमंत्री और जाने माने अर्थशास्त्री डा मनमोहन सिंह 7 नवंबर को गुजरात दौरा करेंगे। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार मनमोहन सिंह अहमदाबाद और वड़ोदरा में सभाओ को भी सम्बोधित करेंगे।
इतना ही नहीं मनमोहन सिह गुजरात के व्यापारियों और बुद्धजीवियों के साथ बैठक कर नोटबंदी और जीएसटी की विस्तृत जानकारी देंगे तथा देश में मोदी सरकार द्वारा लागू की गयी नोटबंदी और जीएसटी से छोटे और माध्यम कारोबारियों तथा आम आदमी को हुए नुकसान का खुलासा करेंगे।
सूत्रों के अनुसार मनमोहन सिंह गुजरात में आने वाले समय में कई अन्य जगह भी सभाएं सम्बोधित करेंगे लेकिन इसका कार्यक्रम अभी निर्धारित नहीं हो पाया है।
सूत्रों ने कहा कि गुजरात कांग्रेस प्रभारी अशोक गहलोत ने पूर्व पीएम डा मनमोहन सिंह से दिल्ली जाकर मुलाकात की थी जिसके बाद उन्होंने 7 नवंबर को अपने गुजरात दौरे की स्वीकृति दे दी है।
गौरतलब है कि गुजरात में करोबारियों का एक बड़ा वर्ग नोट बंदी और जीएसटी को लेकर बीजेपी सरकार से खफा है। वहीँ 8 नवंबर को नोट बंदी का एक वर्ष पूरा होने पर विपक्ष देशभर में काला दिवस मनाने का एलान किया है। वहीँ बीजेपी नोट बंदी को सफल बताकर 8 नवंबर को जश्न मनाने का एलान कर चुकी है।
गौरतलब है की डा मनमोहन सिंह ने नोट बंदी को लेकर जीडीपी में गिरावट की आशंका जताई थी। अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में अपने लेख में डा मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के फैसले पर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए लिखा कि नोटबंदी का मोदी सरकार का फैसला जल्दबाजी में उठाया हुआ है। इससे देश की आम जनता को भारी परेशानियां झेलनी होगी।
डा मनमोहन ने लिखा, ”इस योजना के एलान ने 100 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के आत्मविश्वास को समाप्त कर दिया। इस फैसले से प्रधानमंत्री ने लाखों भारतीयों का भारत सरकार में अपनी और अपने धन की सुरक्षा को लेकर कायम भरोसा और विश्वास चकनाचूर कर दिया है। मोदी सरकार का यह सोचना गलत है कि सारा कैश कालेधन में और सारा कालाधन कैश में मौजूद है। यह मान्यता असलियत से दूर है।”
डा मनमोहन सिंह ने लिखा कि ”भारत की कामगार आबादी का 90 प्रतिशत हिस्सा अभी भी कैश के रूप में मेहनताना पाता है। इनमें सैकड़ों खेती से जुड़े कामगार, निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोग और अन्य शामिल हैं। इस फैसले का जीडीपी ग्रोथ रेट और नई नौकरियां पैदा होने पर खराब असर हो सकता है। मेरी यह राय है कि बतौर एक देश हमें आगामी महीनों में मुश्किल वक्त के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।”
हालांकि उन्होंने कहा कि अगर नोटबंदी के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा जाली नोट, कालेधन और भ्रष्टाचार से मुकाबला करना है तो यह सराहनीय प्रयास है। लेकिन उन्होंने चेताया कि एक लोकप्रिय कहावत है कि आपको अपने इरादे के अनुसार काम करना चाहिए नहीं तो दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस फैसले के संबंध में इस कहावत को उपयोग चेतावनी और मिसाल के रूप में देखा जा सकता है।
डा मनमोहन सिंह इससे पहले भी संसद में अपने भाषण में नोट बंदी के फैसले पर सरकार को आगाह कर चुके हैं । उन्होंने संसद में कहा था कि मोदी सरकार का 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला ‘प्रबंधन की विशाल असफलता’ है और यह संगठित एवं कानूनी लूट-खसोट का मामला है।