क्या फ़र्ज़ी था दैनिक जागरण का एग्जिट पोल !
नई दिल्ली । खबर आ रही है कि जिस एजेंसी का हवाला देते हुए दैनिक जागरण ने एग्जिट पोल प्रकाशित किया था उस एजेंसी ने उस पोल को अपना सर्वे होने से इनकार कर दिया है । यह भी खुलासा हुआ है कि दैनिक जागरण का एग्ज़िट पोल सिर्फ एक घंटे के लिए दैनिक जागरण के पोर्टल पर प्रकाशित किया गया था । इस एग्ज़िट पोल को अख़बार में प्रकाशित नही किया गया था ।
सूत्रों ने कहा कि रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड नामक एजेंसी ने पुलिस को बताया है कि उसने दैनिक जागरण के लिए कोई सर्वे नही किया और न ही उसने दैनिक जागरण को प्रकाशन के लिए कोई एग्जिट पोल मुहैया कराया ।
The polling agency now claims that it wasn't their poll! https://t.co/EpH1Wkl1ZP
— Rohini Singh (@rohini_sgh) February 13, 2017
बता दें कि चुनाव आयोग की मनाही के बावजूद एग्जिट पोल छापने वाले हिंदी अख़बार दैनिक जागरण के ऑन लाइन एडिशन के एडिटर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । इससे पहले निर्वाचन आयोग ने सोमवार को हिंदी अखबार दैनिक जागरण और एक एजेंसी के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश के 15 ज़िलों में एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया था ।
Breaking: Dainik Jagran online editor arrested by police in connection with exit poll https://t.co/XATCbTWmD7
— Rohini Singh (@rohini_sgh) February 13, 2017
गौरतलब है कि चुनाव के सभी चरणों का मतदान पूरा होने से पहले एक्जिट पोल छापना चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के ख़िलाफ़ है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 ए के अनुसार कोई भी व्यक्ति, 4 फरवरी की सुबह 7 बजे से लेकर 8 मार्च के शाम साढ़े 5 बजे तक कोई एग्जिट पोल नहीं कर सकता या इन नतीजों को प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रकाशित नहीं कर सकता है।
वहीँ दैनिक जागरण ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के एग्जिट पोल के नतीजे अपनी वेबसाइट में छापे थे।
चुनाव आयोग ने अपने निर्देशों का उल्लंघन का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक खत लिखा है. इसमें कहा गया है कि ‘धारा 126ए के तहत किए गए अपराध में 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजा ही सजा का प्रावधान है’