क्या पीएम मोदी के लिए वाराणसी की जगह गांधीनगर में संभावनाएं टटोल रही बीजेपी

क्या पीएम मोदी के लिए वाराणसी की जगह गांधीनगर में संभावनाएं टटोल रही बीजेपी

ब्यूरो(राजाज़ैद)। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो लोकसभा क्षेत्रो से चुनाव लड़ा था। वे उत्तर प्रदेश के वाराणसी के साथ गुजरात की वड़ोदरा सीट से भी उम्मीदवार थे। दोनों सीटों पर उन्हें विजय मिली लेकिन उन्होंने वड़ोदरा सीट से इस्तीफा दिया और वाराणसी को गले लगाया।

नरेंद्र मोदी को दोनों सीटों पर मिली जीत में वड़ोदरा की जीत वाराणसी से ज़्यदा बड़ी थी। उन्होंने वड़ोदरा सीट पर 570,128 वोटों से जीत हासिल की थी वहीँ वाराणसी में उनकी जीत करीब 3 लाख 37 हज़ार वोटो से हुई।

पीएम मोदी द्वारा वाराणसी सीट पर सांसद बने रहने के फैसले के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि संभवतः वे उत्तर प्रदेश को लेकर कई बड़े फैसले लेंगे। इतना ही नहीं उस समय यह भी दावा किया गया था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पीएम मोदी वाराणसी से ही उम्मीदवार होंगे।

अब ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि पीएम मोदी 2019 का चुनाव वाराणसी से नहीं लड़ेंगे। गुजराती मीडिया में चल रही खबरों की माने तो पीएम मोदी अब वाराणसी की जगह गुजरात की किसी सीट से उम्मीदवार हो सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुजरात बीजेपी ने पीएम मोदी को 2019 का चुनाव लड़ने के लिए दो सीटें सुझाई हैं। इनमे एक सीट गांधीनगर भी है, जहाँ से बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी सांसद है।

यदि यह खबर सच है तो एक बड़ा सवाल यह है कि क्या बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे या उन्हें कहीं और शिफ्ट किया जाएगा ?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2019 में विपक्ष के संयुक्त गठजोड़ वाले महागठबंधन बनने की स्थति में वाराणसी का समीकरण पूरी तरह बदल जाएगा। ऐसे में जातिगत आंकड़ों से प्रभावित होने वाली यूपी की राजनीति में बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

वहीँ जानकारों की माने तो यदि उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के बीच गठबंधन हुआ तो वाराणसी में स्थति पूरी तरह बदल जाएगी। 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर पीएम नरेंद्र मोदी को 56.37 फीसदी वोट मिले थे। यानि विपक्षी दलों के गठबंधन के चलते यदि 10 फीसदी वोट भी विपक्ष के उम्मीदवार के पक्ष में स्विंग करता है तो बीजेपी को लेने के देने पड़ सकते हैं।

वहीँ दूसरी तरफ 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में तीन सीटों पर हुए लोकसभा उपचुनाव के परिणाम भी बीजेपी के सामने हैं। लोकसभा के उपचुनाव में विपक्षी दलो के गठबंधन के चलते बीजेपी को 2014 में जीती गयीं फूलपुर, गोरखपुर और कैराना सीट गंवानी पड़ी है।

ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का महागठबंधन बना तो पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट छोड़कर गुजरात की गांधीनगर या वड़ोदरा से चुनाव लड़ सकते हैं।

जानकारों की माने तो पीएम मोदी किस सीट से चुनाव लड़ेंगे यह विपक्ष की एकता पर निर्भर करेगा। फिलहाल देखना है कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी के समक्ष चुनौती पेश करता है अथवा नहीं।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital